नवरात्रि: अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन, दशहरे को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद

शारदीय नवरात्रि मां नवदुर्गा की उपासना का पर्व है। ये हर साल श्राद्ध खत्म होते ही शुरू होता है, लेकिन इस बार अधिक मास होने के कारण नवरात्र 25 दिन बाद यानी 17 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और 25 अक्टूबर तक रहेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Oct 15, 2020 4:05 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के मुताबिक इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन होने के बावजूद नवरात्रि में देवी आराधना के लिए पूरे 9 दिन मिलेंगे। वहीं दशहरे मनाए जाने के पीछे ज्योतिषियों में मतभेद है।

दशहरे को लेकर मतभेद
पं. मिश्र के अनुसार 17 अक्टूबर को प्रतिपदा यानी पहली तिथि में घट स्थापना की जाएगी। इसके बाद 18 को नवरात्रि का दूसरा दिन, 19 को तीसरा, 20 को चौथा, 21 को पांचवां, 22 छठा, 23 को सातवां दिन रहेगा। 24 तारीख को सूर्योदय के वक्त अष्टमी और दोपहर में नवमी तिथि रहेगी। इसलिए धर्मसिंधु ग्रंथ के मुताबिक, अगले दिन शाम के समय यानी विजय मुहूर्त में दशमी तिथि होने से 25 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाना चाहिए। वहीं कुछ ज्योतिषियों का मत है कि दशहरा 26 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए।

नवरात्रि में हर दिन शुभ मुहूर्त
पं. मिश्र का कहना है कि इस बार घट स्थापना शुभ मुहूर्त में होगी। यानी सर्वार्थसिद्धि योग में नवरात्र की शुरुआत हो रही है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को बेहद शुभ माना जाता है, जो पूजा उपासना में अभीष्ट सिद्धि देगा। साथ ही दशहरे तक खरीदारी के लिए त्रिपुष्कर, सौभाग्य और रवियोग जैसे खास मुहूर्त भी रहेंगे। इन शुभ संयोग में प्रॉपर्टी, व्हीकल, फर्नीचर, भौतिक सुख-सुविधाओं के सामान और अन्य तरह की मांगलिक कामों के लिए खरीदारी करना शुभ रहेगा।
 

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