ज्योतिष से जान सकते हैं किस समय चोरी गई वस्तु कौन-सी दिशा में किस व्यक्ति के पास मिल सकती है?

जब आपकी कोई प्रिय चीज चोरी हो जाती है तो हम हर संभव कोशिश करते हैं उसे वापस पाने की। चाहे इसके लिए आपको साम, दाम, दंड, भेद आदि तरीके ही क्यों न अपनाना पड़े। इन सबसे भी बात न बने तो ज्योतिष भी चोरी हुई वास्तु के बारे में जानने का एक तरीका हो सकता है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार, लग्न के अनुसार भी चोरी गई वस्तु के संबंध में विचार किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति चोरी गई वस्तु के संबंध में जानने के लिए आए और प्रश्न करे तो जिस समय वह प्रश्न करे उस समय की लग्न कुंडली बना लेना चाहिए या जिस समय वस्तु चोरी हुई है उस समय गोचर में जो लग्न चल रहा था उसके अनुसार फल कथन किया जाता है। आगे जानिए किस लग्न में चोरी हुई वस्तु के बारे में क्या जाना जा सकता है…

- मेष लग्न में कोई वस्तु चोरी हुई हो या प्रश्नकाल में मेष लग्न हो तो चोरी गई वस्तु पूर्व दिशा में होती है। उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम में दो या तीन अक्षर होते हैं।

- वृषभ लग्न में वस्तु चोरी हुई हो तो वस्तु पूर्व दिशा में होती है और चोर के नाम म अक्षर से शुरू होता है। नाम चार अक्षरों वाला हो सकता है।

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- मिथुन लग्न में चोरी गई वस्तु आग्नेय कोण में होती है। चोरी करने वाला व्यक्ति वैश्य वर्ण का हो सकता है और उसका नाम क से प्रारंभ होता है। नाम में तीन अक्षर होते हैं।

- कर्क लग्न में वस्तु चोरी होने पर दक्षिण दिशा में मिलती है और उसका नाम त अक्षर से प्रारंभ होता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं।

- सिंह लग्न में चोरी हो तो वस्तु नैऋत्य कोण में होती है। चोरी करने वाला नौकर, सेवक होता है। चोर का नाम न से प्रारंभ होता है और नाम तीन या चार अक्षरों का होता है।

- प्रश्नकाल या चोरी के समय कन्या लग्न हो तो चोरी गई वस्तु पश्चिम दिशा में होती है। चोरी करने वाली कोई स्त्री होती है और उसका नाम म से प्रारंभ होता है। नाम में कई वर्ण हो सकते हैं।

- चोरी के समय तुला लग्न हो तो वस्तु पश्चिम दिशा में जानना चाहिए। चोरी करने वाला पुत्र, मित्र, भाई या अन्य कोई संबंधी होता है। इसका नाम म से प्रारंभ होता है और नाम में तीन वर्ण होते हैं। तुला लग्न में गई वस्तु बड़ी कठिनाई से प्राप्त होती है।

- वृश्चिक लग्न में चोरी गई वस्तु पश्चिम दिशा में होती है। चोर घर का नौकर ही होता है और उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम चार अक्षरों वाला होता है।

- प्रश्नकाल या चोरी के समय धनु लग्न हो तो चोरी गई वस्तु वायव्य कोण में होती है। चोरी करने वाली कोई स्त्री होती है और उसका नाम स अक्षर से प्रारंभ होता है। नाम में चार वर्ण पाए जाते हैं।

- चोरी के समय मकर लग्न हो तो चोरी गई वस्तु उत्तर दिशा में समझनी चाहिए। चोरी करने वाला वैश्य जाति का होता है। नाम चार अक्षरों का होता है और वह स से प्रारंभ होता है।

- प्रश्नकाल या चोरी के समय कुंभ लग्न हो तो चोरी गई वस्तु उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में होती है। इस प्रश्न लग्न के अनुसार चोरी करने वाला व्यक्ति कोई मनुष्य नहीं होता बल्कि चूहों या अन्य जानवरों के द्वारा इधर-उधर कर दी जाती है।

- मीन लग्न में वस्तु चोरी हुई हो तो वस्तु ईशान कोण में होती है। चोरी करने वाला वस्तु को जमीन में छुपा देता है। ऐसे चोर का नाम व अक्षर से प्रारंभ होता है और उसके नाम में तीन अक्षर रहते हैं। चोर कोई परिचित महिला या नौकरानी भी हो सकती है।

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