मकर राशि में सूर्य, बुध और शनि होने से बना एक शुभ और एक अशुभ योग, ये उपाय करें

Published : Jan 16, 2022, 10:45 AM ISTUpdated : Jan 16, 2022, 10:46 AM IST
मकर राशि में सूर्य, बुध और शनि होने से बना एक शुभ और एक अशुभ योग, ये उपाय करें

सार

ज्योतिषियों के अनुसार, 14 जनवरी, शुक्रवार की रात करीब 9 बजे सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर चुका है। इस समय सूर्य उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में है। इस नक्षत्र का स्वामी शनि है। सूर्य मकर राशि में जाएगा, इस राशि स्वामी भी शनि ही है और मकर राशि में ही स्थित है।  

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार मकर राशि में बुध भी स्थित है। इस तरह एक ही राशि यानी मकर में सूर्य की शनि-बुध के साथ युति बन बन रही है। इन तीनों ग्रह के एक ही राशि में होने से एक शुभ और एक अशुभ योग बन रहा है। इसका प्रभाव देश-दुनिया के साथ-साथ सभी राशि के लोगों पर पर भी दिखाई देगा।

ये योग बनेंगे
सूर्य के मकर राशि में आते ही सूर्य, बुध और शनि की युति बनेगी। सूर्य और बुध की युति होने से बुधादित्य नाम का शुभ योग इस राशि में बनेगा। ज्योतिष शास्त्र में इस योग को राजयोग भी कहा गया है। इससे शुभ फल मिलते हैं। वहीं सूर्य और शनि एक-दूसरे के शत्रु ग्रह है। इन दोनों ग्रहों की युति अशुभ मानी गई है। कुछ राशियों पर इसका अशुभ प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

पिछले साल ये थी स्थिति
पिछले साल यानी 2021 में भी सूर्य जब मकर राशि में आया था, उस समय भी शनि मकर राशि में था। एक माह तक सूर्य-शनि की युति मकर में थी। सूर्य, शनि, चंद्र, गुरु और बुध की युति की वजह से 2021 में कोरोना संक्रमण इतना अधिक फैला था। इस वर्ष भी सूर्य-शनि की युति मकर राशि में रहेगी। साथ ही बुध भी है, लेकिन इस साल संक्रमण तो होगा, लेकिन पिछले साल की तुलना उतना भयानक नहीं होगा। लोगों में इस बार डर कम रहेगा।

ये उपाय करें
संक्रांति पर बन रहे ग्रह योगों का असर व्यापार के लिए मध्यम रहेगा। मान्यता है कि मकर संक्रांति से ही देवताओं का दिन और दैत्यों की रात शुरू होती है। इस समय में दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। संक्रांति पर तिल, कंबल, मच्छरदानी आदि का दान करें। पुण्य काल 15 जनवरी को पूरे दिन रहेगा। सूर्यदेव के साथ ही, शिव जी, भगवान विष्णु की भी विशेष पूजा करें। किसी पवित्र नदी में स्नान और स्नान के बाद दान-पुण्य करें।


 

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