December 2022 Festival Calendar: दिसंबर 2022 में कब, कौन-सा त्योहार और व्रत मनाया जाएगा?

December 2022 Festival Calendar: साल 2022 का अंतिम महीना दिसंबर जल्दी ही शुरू होने वाला है। इस महीने में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। इसलिए धार्मिक दृष्टिकोण से ये महीना बहुत ही खास रहेगा। इस महीने में अगहन और पौष महीने का योग बनेगा। 
 

Manish Meharele | Published : Nov 24, 2022 11:02 AM IST

उज्जैन. दिसंबर 2022 के पहले ही सप्ताह में कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। महीने की शुरूआत के 8 दिन अगहन मास के रहेंगे। इसके बाद पौष मास पूरे महीने रहेगा। इसी महीने में सूर्य के राशि बदलते ही मल मास शुभ हो जाएगा और मांगलिक कामों पर रोक लग जाएगी। दिसंबर 2022 में मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती, दत्तात्रेय जयंती, रुक्मिणी अष्टमी, सफला एकादशी, पौष अमावस्या आदि प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे। आगे जानिए दिसंबर 2022 में मनाए जाने वाले त्योहारों की पूरी डिटेल…

दिसंबर 2022 में मनाए जाएंगे ये व्रत-त्योहार 
4 दिसंबर, रविवार- मोक्षदा एकादशी/ गीता जयंती (Geeta Jayanti 2022)
5 दिसंबर, सोमवार- प्रदोष व्रत/ अनंग त्रयोदशी
7 दिसंबर, मंगलवार- दत्त पूर्णिमा (Dutt Purnima 2022)
8 दिसंबर, बुधवार- स्नान-दान पूर्णिमा
11 दिसंबर, रविवार- गणेश चतुर्थी व्रत
16 दिसंबर, शुक्रवार- रुक्मिणी अष्टमी/ खर मास आरंभ (Khar Maas 2022) 
19 दिसंबर, सोमवार- सफला एकादशी
20 दिसंबर, मंगलवार- सुरुप द्वादशी
21 दिसंबर, बुधवार- प्रदोष व्रत/शिव चतुर्दशी व्रत
23 दिसंबर, शुक्रवार- पौष अमावस्या
26 दिसंबर, सोमवार- विनायकी चतुर्थी व्रत

इसलिए मनाया जाता है गीता जयंती पर्व?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरवों और पांडवों की सेना आमने-सामने आकर खड़ी हो गई तब अर्जुन ने शत्रु सेना में भीष्म पितामाह आदि को देखकर शस्त्र रख दिए। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गीता का उपदेश दिया। उस दिन अगहन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। आज भी इस तिथि पर गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है। गीता से मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इस तिथि पर मोक्षदा एकादशी का व्रत किया जाता है।

पौष मास 9 दिसंबर से
हिंदू पंचांग अनुसार, साल का दसवां महीने का नाम पौष है। इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा पर चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है, इसलिए इस महीने का नाम पौष रखा गया है। इस महीने में भग नाम सूर्य की पूजा की जाती है। पौष मास में सूर्यदेव की पूजा और अघर्य देने का विशेष महत्व बतया गया है। इस महीने के प्रत्येक रविवार को सूर्यदेव के निमित्त व्रत रखना चाहिए।

16 दिसंबर से शुरू होगा खर मास
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन में होते हैं तो उस समय को खर मास कहते हैं। इसे मल मास भी कहा जाता है। इस महीने में शुभ कार्य जैसे विवाह आदि करना वर्जित माने गए हैं। इस बार सूर्य 16 दिसंबर को वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा। ऐसा होते ही खर मास शुरू हो जाएगा जो 14 जनवरी 2023 तक रहेगा। 


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