जन्म कुंडली में किस स्थान पर है सूर्य, ये जानने के बाद ही करें उससे जुड़े खास उपाय

ज्योतिष में कुल नौ ग्रह बताए गए हैं और इन नौ ग्रहों में सूर्य का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि ये ग्रहों का राजा है। कुंडली में 12 भाव होते हैं और हर भाव में ग्रहों का अलग असर रहता है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 19, 2020 3:21 AM IST / Updated: Sep 19 2020, 11:30 AM IST

उज्जैन. कुंडली में 12 भाव होते हैं और हर भाव में ग्रहों का अलग असर रहता है। यहां जानिए आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति के अनुसार कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे भाग्य की बाधाएं दूर हो सकती हैं…

पहले भाव में सूर्य
जिन लोगों की कुंडली के पहले भाव में सूर्य अशुभ फल दे रहा है, उन्हें जीवन में हमेशा सत्य का साथ देना चाहिए। अपनी आय का एक हिस्सा जरूरतमंदों की सहायता में खर्च करें। इससे आपके जीवन के कष्ट कम हो सकते हैं।

दूसरे भाव में सूर्य
कुंडली के दूसरे भाव में सूर्य अशुभ हो तो व्यक्ति को अपनी वाणी पर नियं‍त्रण रखना चाहिए। धार्मिक स्थलों पर दान और सदाचार का पालन करें।

तीसरे भाव में सूर्य
तृतीय भाव में सूर्य हो तो व्यक्ति को भूलकर भी बड़े-बुजुर्गों का अनादर नहीं करना चाहिए। घर के बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद पाकर और तीर्थ यात्रा के जरिए कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाया जा सकता है।

चौथे भाव में सूर्य
इस भाव में बैठे सूर्य को अनुकूल करने के लिए किसी नेत्रहीन व्यक्ति को 43 दिनों तक लगातार खाना खिलाएं। तांबे का एक सिक्का गले में धारण करें।

पांचवें भाव में सूर्य
इस भाव में सूर्य होने पर सूर्यदेव को नियमित रूप से अर्घ्य देना चाहिए। बंदरों को गुड़-चना खिलाना चाहिए, ये काम सावधानी से करें।

छठे भाव में सूर्य
इन लोगों को अपने घर में किसी पवित्र नदी का जल रखना चाहिए। रात में सोने से पहले अपने सिर के पास जल से भरा कोई पात्र रखें, सुबह किसी पौधे में ये पानी डाल दें।

सातवें भाव में सूर्य
इस भाव में बैठे सूर्य से शुभ फल पाने के लिए खाने में नमक का प्रयोग कम करें। काली या बिना सींग वाली गाय की सेवा करें। खाने से पहले रोटी का एक टुकड़ा रसोई की आग में डालें।

आठवें भाव में सूर्य
इन लोगों को सूर्य से शुभ फल पाने के लिए किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले मीठा खाकर पानी पीएं। बहती नदी में गुड़ प्रवाहित करें।

नौवें भाव में सूर्य
ध्यान रखें इस भाव में सूर्य होने पर उपहार या दान में कभी भी चांदी की वस्तु ना लें। चांदी की वस्तुएं दान करें। क्रोध से बचें और वाणी में मधुरता लाएं।

दसवे भाव में सूर्य
इस भाव में सूर्य हो तो शुभ प्रभाव पाने के लिए पूरी तरह काले और नीले के कपड़े ना पहनें। किसी बहती नदी में 43 दिन तक मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। मांस-मदिरा सेवन से बचें।

ग्यारहवें भाव में सूर्य
इस भाव में सूर्य होने पर आपको मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। रात को सोते समय अपने सिर के पास बादाम या मूली रखकर सोएं। सुबह उठकर इन चीजों का दान किसी मंदिर में करें।

बारहवें भाव में सूर्य
सूर्य की इस स्थिति में सूर्य हो तो धर्म का पालन करें। दूसरों की गलतियों को क्षमा कर दें। सूर्य की शांति के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना अपने घर या ऑफिस में करें।
 

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