10 फरवरी, सोमवार से हिन्दी पंचांग का अंतिम माह फाल्गुन शुरू हो गया है। फाल्गुन मास में श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करनी चाहिए।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करने से संतान सुख की कामना पूरी होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। फाल्गुन मास में इस विधि से करें भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-
- फाल्गुन मास में रोज सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद सूर्य को जल चढ़ाएं। इसके बाद श्रीगणेश की पूजा करें।
- गणेशजी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। फूल चढ़ाएं। धूप-दीप जलाएं। चावल चढ़ाएं। गणेशजी के पूजन के बाद श्रीकृष्ण की पूजा शुरू करें।
- श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की मूर्ति को स्नान कराएं। पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- दक्षिणावर्ती शंख में केसर मिश्रित दूध भरें और कृं कृष्णाय नम: मंत्र बोलते हुए अभिषेक करें।
- भगवान को वस्त्र अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं। हार-फूल, फल मिठाई, जनेऊ, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, पान, दक्षिणा और अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं। तिलक करें। धूप-दीप जलाएं।
- तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का भोग लगाएं। कर्पूर जलाएं। आरती करें। आरती के बाद परिक्रमा करें।
- पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। इसके बाद अन्य भक्तों को प्रसाद बांट दें और खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।
- पूजा में ऊँ नमो भगवते गोविंदाय, ऊँ नमो भगवते नंदपुत्राय या ऊँ कृष्णाय गोविंदाय नमो नम: मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।