13 अप्रैल, मंगलवार को हिंदू नव संवत्सर 2078 प्रारंभ हो रहा है। इसका नाम आनंद है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर नए वर्ष में ग्रहों का मंत्रिमंडल बनता है। ग्रहों के मंत्रिमंडल में सभी के पास अलग-अलग पद होते हैं जैसे- राजा, मंत्री, रसेश, दुर्गेश और धनेश। उसी के अनुसार उस वर्ष में देश-दुनिया की स्थिति पर विचार किया जाता है।
उज्जैन. 13 अप्रैल, मंगलवार को हिंदू नव संवत्सर 2078 प्रारंभ हो रहा है। इसका नाम आनंद है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर नए वर्ष में ग्रहों का मंत्रिमंडल बनता है। ग्रहों के मंत्रिमंडल में सभी के पास अलग-अलग पद होते हैं जैसे- राजा, मंत्री, रसेश, दुर्गेश और धनेश। उसी के अनुसार उस वर्ष में देश-दुनिया की स्थिति पर विचार किया जाता है। आगे जानिए इस वर्ष किस ग्रह को कौन-सा पद मिला है…
मंगल है राजा
आनंद संवत्सर में राजा मंगल होंगे, जो मंत्रिमंडल के प्रमुख होंगे। मंगल के राजा होने से विश्व में युद्ध की आशंका बनी रहेगी। सरकारों के प्रति जनता के मन में आक्रोश पैदा होगा। महामारी के चलते लोग परेशान होंगे और मृत्यु भी अधिक होगी।
मंत्री भी मंगल
नवीन संवत्सर 2078 में मंत्री पद भी मंगल के पास ही रहेगा। मंगल के मंत्री होने से विश्व में अराजकता में वृद्धि होगी। पशुधन की हानि होने के योग बनेंगे। महामारी के कारण लोग पीड़ित रहेंगे।
शुक्र है धनेश
नवीन संवत्सर 2078 में धनेश का यह पद शुक्र के पास है। नए वर्ष में शुक्र धनेश होंगे। शुक्र के धनेश होने से विश्व में रोजगार बढ़ेगा, व्यापारियों को लाभ होगा। जनता को धन-धान्य का लाभ होगा।
दुर्गेश भी मंगल
नवीन वर्ष में दुर्गेश भी मंगल होंगे, जो इस वर्ष राजा और मंत्री भी हैं। मंगल के दुर्गेश होने से विश्व की अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। भय व पीड़ा का वातावरण बनेगा। व्यापार की हानि हो सकती है। पड़ोसी देशों के बीच छोटी-छोटी बातों पर विवाद हो सकता है।
रसेश हैं सूर्य
नवीन वर्ष में रसेश का पद सूर्य के पास होगा। सूर्य के रसेश होने से खाद्य पदार्थों का नाश होगा। कहीं-कहीं अकाल व सूखा पड़ेगा। जनता रसयुक्त पदार्थों से वंचित रहेगी। दूध, दही, फलों के रसों के दाम बढ़ेंगे।
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