Aaj Ka Panchang 12 सितंबर 2022 का पंचांग: आज करें द्वितिया तिथि का श्राद्ध, दिन भर रहेंगे ये शुभ योग

Aaj Ka Panchang: 12 सितंबर, सोमवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रेवती नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। 

Manish Meharele | Published : Sep 11, 2022 10:15 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में पंचांग का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि इसमें दिन भर के शुभ  मुहूर्त, राहुकाल का समय दिया गया होता है। कुछ ही सेकंड में पंचांग के माध्यम से ग्रहों की स्थिति के बारे में भी जाना जा सकता है। पंचांग 5 अंगों से मिलकर बना होता है, इसलिए इसे पंचांग कहते हैं, ये 5 अंग हैं- तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

12 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 12 september 2022)
12 सितंबर 2022, दिन सोमवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि सुबह 11.35 तक रहेगी, इसके बाद तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन द्वितिया तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। सोमवार को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र सुबह 7 बजे तक रहेगा। इसके बाद रेवती नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से गद और उसके बाद रेवती नक्षत्र होने से मातंग नाम के 2 शुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा गण्ड और वृद्धि नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:47 से 09:19 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
सोमवार को चंद्रमा मीन राशि में, बुध ग्रह कन्या में (वक्री), सूर्य और शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए। 

12 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- उत्तरा भाद्रपद और रेवती
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 6:16 AM
सूर्यास्त - 6:30 PM
चन्द्रोदय - Sep 12 8:03 PM
चन्द्रास्त - Sep 13 8:49 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:58 AM से 12:47 PM

11 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:51 AM – 12:23 PM
कुलिक - 1:54 PM – 3:26 PM
दुर्मुहूर्त - 12:47 PM – 01:36 PM और 03:14 PM – 04:03 PM
वर्ज्यम् - 06:47 PM – 08:22 PM

एकादशी तिथि पर करते हैं व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें ग्यारहवी तिथि बहुत खास होती है। इसे एकादशी कहते हैं। इस तिथि का धर्म ग्रंथों में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है और व्रत भी रखा जाता है। इस दिन चावल खाने की मनाही है। निर्जला, पापांकुशा, देवप्रबोधिनी और देवशयनी एकादशी का महत्व पुराणों में वर्णित है।

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