यात्रा के लिए घर से निकलते समय सामने दिखाई देने वाली वस्तुएं, मनुष्य, स्त्री-पुरुष, बालक-वृद्ध, पशु-पक्षी आदि अनेक लक्षणों को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आपकी यात्रा शुभ होगी या उसमें कोई विघ्न बाधा आएगी।
उज्जैन. ज्योतिष के प्रमुख ग्रंथ मुहूर्त चिंतामणि में यात्रा के संबंध में अनेक बातें लिखी गई हैं। इससे शुभ-अशुभ शकुन का विचार किया जाता है। आगे जानिए यात्रा से जुड़े कुछ खास शकुन-अपशकुन…
1. यात्रा पर जाते समय सबसे पहले सामने ब्राह्मण, घोड़ा, हाथी, फल, अन्न, दूध, दही, गौ, सरसों, कमल दिखे तो शुभ फल मिलते हैं।
2. स्वच्छ वस्त्र, बाजा, मोर, वेश्या, नीलकंठ, नकुल, बंधा हुआ एक पशु, मांस, मांगलिक चिन्ह, फूल, गन्ना, भरा हुआ घड़ा ये चीजें भी दिखाई दें तो यात्रा पर शुभ फल मिलते हैं।
3. छाता, गीली मिट्टी, कुंवारी कन्या, रत्न, पगड़ी, सफेद रंग का बैल, मद्य, लड़का लिए हुए स्त्री, प्रज्जवलित अग्नि, दर्पण, काजल, धुला हुआ वस्त्र यात्रा में सफलता की सूचना देते हैं।
4. धोबी, मछली, घी, सिंहासन, पताका, शहद, बकरा, हथियार, गोरोचन, भारद्वाज पक्षी, पालकी, वेद-ध्वनि, मंत्रोच्चार ये भी शुभता के परिचायक हैं।
5. मांगलिक गीत और अंकुश, ये वस्तुएं यदि सामने दिखाई पड़े तो शुभफलदायक हैं। अपनी पीछे से आता हुआ खाली घड़ा भी शुभ कहा गया है।
1. यात्रा पर जाते समय यदि चमड़ा, भूसा, हड्डी, सांप, नमक, अंगार, ईधन लकड़ी, कोयला आदि, नपुंसक, विष्ठा, तेल दिखाई दे तो ये अशुभ होता है।
2. पागल, चर्बी, दवा, शत्रु, जटाधारी संन्यासी, तृण, रोगी, नंगा मनुष्य- बालक को छोड़कर, उबटन लगाए स्त्री-पुरुष, खुले हुए बाल वाली स्त्री दिख जाए तो यात्रा टाल देनी चाहिए।
3. पतित, अंगहीन, भूख से पीड़ित मनुष्य, खून, गिरगिट, बिल्लियों का युद्ध, छींक, गेरुआ वस्त्रधारी यति, गुड़, मठ्ठा, कीचड़ ये भी यात्रा में असफलता के सूचक होते हैं।
4. वंध्या स्त्री, कुबड़ा, परिवार में झगड़ा, वस्त्र का शरीर पर से गिर जाना, भैंसे का युद्ध, काला धान्य जैसे तिल, काला उड़द आदि, कपास, रूई, उल्टी, दाहिने भाग में गधे की आवाज सुनाई दे तो यात्रा पर नहीं जाना चाहिए।
5. सिर मुंडाया मनुष्य, गीला वस्त्र, गाली, अंधा, बहरा, ये यात्रा के समय सामने दिखाई दे जाए तो अशुभ फलप्रद होते हैं। इनके दिखाई देने पर कुछ समय के लिए यात्रा टाल देना उचित रहता है।