Maghi Purnima 2022: 16 फरवरी को है बहुत खास तिथि, इस दिन देवता भी आते हैं गंगा स्नान करने

Published : Feb 13, 2022, 06:08 PM IST
Maghi Purnima 2022: 16 फरवरी को है बहुत खास तिथि, इस दिन देवता भी आते हैं गंगा स्नान करने

सार

माघ मास की पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा (Maghi Purnima 2022) कहते हैं। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इस बार ये तिथि 16 फरवरी, बुधवार को है। पुराणों में इस तिथि के बारे में बताया गया है कि माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माघ पूर्णिमा (Maghi Purnima 2022) में स्नान दान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है। इसलिए इस दिन गंगा नदी में स्नान करना चाहिए, अगर ऐसा न हो सके तो घर में ही पानी में गंगाजल डालकर नहा लेना चाहिए। इसके अलावा गंगाजल का आचमन यानी हथेली में थोड़ा सा गंगाजल पी लेने से भी पुण्य मिलता है। माघी पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करना चाहिए। इससे हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। आगे जानिए माघी पूर्णिमा से जुड़ी खास बातें…

देवता भी आते हैं गंगा स्नान करने
- धर्म ग्रंथों के अनुसार, माघी पूर्णिमा पर देवता भी रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयाग आते हैं। इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। 
- जो श्रद्धालु तीर्थराज प्रयाग में एक मास तक कल्पवास करते हैं। माघी पूर्णिमा पर उनके व्रत का समापन होता है। 
- सभी कल्पवासी माघी पूर्णिमा पर माता गंगा की आरती पूजन करके साधु संन्यासियों और ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। बची हुई सामग्री का दान कर देवी गंगा से फिर बुलाने का निवेदन कर अपने घर जाते हैं। 
- कहते हैं कि माघ पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में नदी स्नान करने से रोग दूर होते हैं। इस दिन तिल और कंबल का दान करने से नरक लोक से मुक्ति मिलती है।

ये है पूजा विधि
- माघी पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करें। फिर पितरों का श्राद्ध कर ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, तिल, कंबल, कपास, गुड़, घी, फल, अन्न आदि का दान करें। 
- इस दिन गौ दान का विशेष फल प्राप्त होता है। इसी दिन संयमपूर्वक आचरण कर व्रत करें। दिन भर कुछ खाए नहीं। संभव न हो तो एक समय फलाहार कर सकते हैं। 
- इस दिन ज्यादा जोर से बोलना या किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए। गृह क्लेश से बचना चाहिए। गरीबों एवं जरुरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। 
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आपके द्वारा या आपके मन, वचन या कर्म के माध्यम से किसी का अपमान न हो। 


 

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