Myth of Shani: क्या शनिदेव हमेशा अशुभ फल ही देते हैं, इनके दर्शन करते समय कौन-सी बात हमेशा याद रखें?

Shani Rashi Parivartan 2023: नवग्रहों में शनि का विशेष स्थान है। शनि से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं भी हमारे समाज में प्रचलित हैं। लेकिन इन मान्यताओं के पीछे का सच बहुत कम लोग जानते हैं। इनमें से कई मान्यताओं के पीछे मनोवैज्ञानिक तथ्य जुड़े होते हैं। 
 

उज्जैन. शनिदेव का नाम सुनते ही लोगों के मन में भय उत्पन्न हो जाता है इसका कारण है कि शनि को क्रूर ग्रह कहा जाता है। (Shani Rashi Parivartan 2023) जिस पर शनि की नजर पड़ जाए उसके जीवन में अचानक कई परेशानियां आ जाती हैं। इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए उसे अधिक मेहनत करनी पड़ती है। शनिदेव से जुड़े कई मिथक भी हैं। इन मिथकों के पीछे धार्मिक और मनोवैज्ञानिक तथ्य छिपे होते हैं। आज हम आपको शनिदेव से जुड़े इन्हीं मिथकों के बारे में बता रहे हैं, जो इस प्रकार है…

क्या शनि हमेशा अशुभ फल ही देते हैं? 
लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि शनिदेव हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, शनिदेव कुंडली में जिस स्थान पर होते हैं, उसी के अनुसार, फल प्रदान करते हैं। जिसकी कुंडली में शनिदेव शुभ स्थिति में होते हैं, उसे अपने जीवन में कई सफलताएं प्राप्त होती हैं। शनिदेव की कृपा से ही लोगों को राजपद प्राप्त होता है।

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क्यों शनिदेव के सामने खड़े होकर दर्शन नहीं करना चाहिए?
शनिदेव के बारे में एक मिथ ये भी है कि शनिदेव के दर्शन हमेशा एक ओर खड़े होकर करना चाहिए। इसके मिथ के पीछे मान्यता है कि शनिदेव की दृष्टि में दोष है, जिस पर भी शनि की दृष्टि पड़ती है, उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव के दर्शन कभी सामने खड़े होकर नहीं बल्कि एक ओर खड़े होकर करना चाहिए।

क्या शनि की साढेसाती अशुभ होती है?
अधिकांश लोग शनि की साढ़ेसाती को अशुभ मानते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।  ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती के 3 चरण होते हैं। प्रथम दो चरण काफी परेशान करने वाले होते हैं लेकिन चरण यानी अंतिम ढाई साल में शनिदेव व्यक्ति को उसकी मेहनत का फल जरूर देते हैं। इस तरह शनि की साढ़ेसाती का अंतिम समय शुभ माना जाता है। 

शनिवार को ये चीजें न खरीदें
हमारे समाज में शनिवार को क्या नहीं खरीदना चाहिए, इसके संबंध में कई मान्यताएं प्रचलित हैं जैसे शनिवार को तेल, लोहे का सामान, जूते-चप्पल नहीं खरीदना चाहिए, क्योंकि ये चीजें शनि से संबंधित मानी जाती हैं। इसके पीछे कोई खास धार्मिक या वैज्ञानिक कारण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि शनिवार को ये चीजें खरीदने से निगेटिविटी बढ़ती है, जिससे जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे। 

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