20 नवंबर को गुरु बदलेगा राशि, शनि के साथ बनाएगा अशुभ योग, कैसा होगा देश-दुनिया पर असर?

20 नवंबर को गुरु ग्रह दोपहर करीब 1:30 बजे अपनी ही राशि से निकलकर मकर में आ जाएगा। मकर राशि में पहले से ही शनि है। अब 19 नवम्बर से लेकर 6 अप्रैल 2021 तक गुरु और शनि मकर राशि में रहेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Nov 10, 2020 3:50 AM IST

उज्जैन. काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, शनि का अपनी ही राशि में होना और उसके साथ गुरु का होना नीचभंग राजयोग बना रहा है। ग्रहों की ये युति बड़े बदलाव के संकेत दे रही है। इससे पहले इसी साल बृहस्पति 30 मार्च से 30 जून तक मकर राशि में शनि के साथ था और उससे पहले ऐसा 1961 में हुआ था।

राशि परिवर्तन का असर
- पं. मिश्र के अनुसार, अपनी नीच राशि में आ जाने के बाद गुरु अनिष्ट फल तो नहीं देता, लेकिन उसका शुभ प्रभाव कम हो जाता है।
- गुरु के राशि बदलने के कारण लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार करने वाले लोगों को स्थान परिवर्तन के साथ सुखद संकेत भी मिल सकते हैं।
- राजनीति से जुड़े कुछ लोगों को जनता का सहयोग मिल सकता है। बुद्धि और ज्ञान बढ़ेगा। सेहत संबंधी परेशानियां भी कम हो सकती है।
- गुरु और शनि की युति बनने से न्याय मिलेगा। जॉब-बिजनेस और अन्य कई मामलों में निष्पक्ष फैसले भी होने के योग बन रहे हैं।
- इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है। आर्थिक स्थितियों में भी अनचाहे बदलाव हो सकते हैं। वित्तीय व्यवस्था भी डगमगा सकती है।
- इससे पहले भी जब गुरु-शनि मकर राशि में 1961 और 1902 में कुछ इसी तरह की स्थितियां बनी थीं। गुरु को धन और आर्थिक स्थिति का कारक ग्रह माना गया है।
- शनि कष्ट, आपदाओं और काल के कारक ग्रह हैं। इस स्थिति में मकर राशि में दोनों का एक साथ होना प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक व्यवस्थाएं डगमगाने के संकेत दे रहा है।
- देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ेगा। शिक्षा क्षेत्र में कई तब्दीलियां देखने को मिलेंगी। आईटी क्षेत्र में फिर से उछाल आने लगेगा।
- लोगों को आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने के लिए अपने खर्चों पर काबू पाना होगा। गुरु का गोचर काल में धन का संचय करने वालों को लाभ है।


 

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