Ram Navami 2022 Puja Muhurat: कब करें राम नवमी का पूजन, ये है श्रेष्ठ मुहूर्त , नोट कर लें समय

आज (10 अप्रैल, रविवार) चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। इस दिन राम नवमी (Ram Navami 2022) का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीराम ने अवतार लिया था। इस मौके पर देश-विदेश सभी दूर श्रीराम के मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं। सिर्फ मंदिरों में ही नहीं बल्कि घर-घर में भगवान श्रीराम की पूजा की जाती है।
 

Manish Meharele | Published : Apr 9, 2022 12:35 PM IST

उज्जैन. मान्यता है कि ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भगवान की कृपा भी हम पर बनी रहती है। इस बार राम नवमी पर 1-2 नहीं बल्कि 3 शुभ योग बन रहे हैं। राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र, रवि योग और सर्वार्थसिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। इन 3 शुभ योगों में की गई पूजा जल्दी ही मनचाहा फल देने वाली रहेगी। आगे जानिए भगवान श्रीराम की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, आरती व अन्य खास बातें…

ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022: ये हैं भगवान श्रीराम के 10 मंत्र, किसी एक भी जाप करने से दूर हो सकती हैं परेशानियां

श्रीराम नवमी पूजा के शुभ मुहूर्त (Ram Navami 2022 Puja Muhurat)
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:57 से दोपहर 12:48 
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:30 से 03:21 तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 06:31 से 06:55 तक
(उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान श्रीराम का जन्म दोपहर 12 बजे के लगभग माना जाता है, इसलिए पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त अभिजित है।)


ये भी पढ़ें- Ram Navami 2022: 10 साल बाद राम नवमी पर पूरे दिन रहेगा ये शुभ योग, ये उपाय बना सकते हैं आपके बिगड़े काम

ऐसे करें भगवान श्रीराम की पूजा (Ram Navami Puja Muhurat)
- धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर सुबह स्नान आदि करने के बाद घर की उत्तर दिशा में एक साफ स्थान चुनें और उसे गंगाजल से शुद्ध कर उसके ऊपर भगवान श्रीराम व माता सीता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। 
- इसके बाद देव प्रतिमाओं को तिलक करें, हार-फूल चढ़ाएं। देव प्रतिमाओं के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद कुमकुम, अबीर, गुलाल आदि चीजें चढ़ाएं। 
- देव प्रतिमाओं पर इत्र लगाएं। गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं या अपनी इच्छा अनुसार किसी अन्य मिठाई या फल का भोग भी लगा सकते हैं। 
- इस प्रकार पूजा करने के बाद मंत्र बोलें-
मंगलार्थ महीपाल नीराजनमिदं हरे।
संगृहाण जगन्नाथ रामचंद्र नमोस्तु ते।।
ऊँ परिकरसहिताय श्रीसीतारामचंद्राय कर्पूरारार्तिक्यं समर्पयामि।
- इसके बाद किसी बर्तन में कपूर तथा घी की बत्ती (एक या पांच अथवा ग्यारह) जलाकर 

भगवान श्रीसीताराम की आरती करें- 
आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ।।
धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ।।
सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ।।
कर जोरे रिपुहन हनुमाना । भरत लखन सेवत बिधि नाना ।।
शिव अज नारद गुन गन गावैं । निगम नेति कह पार न पावैं ।।
नाम प्रभाव सकल जग जानैं । शेष महेश गनेस बखानैं
भगत कामतरु पूरणकामा । दया क्षमा करुना गुन धामा ।।
सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा । राज विभीषन को प्रभु दीन्हा ।।
खेल खेल महु सिंधु बधाये । लोक सकल अनुपम यश छाये ।।
दुर्गम गढ़ लंका पति मारे । सुर नर मुनि सबके भय टारे ।।
देवन थापि सुजस विस्तारे । कोटिक दीन मलीन उधारे ।।
कपि केवट खग निसचर केरे । करि करुना दुःख दोष निवेरे ।।
देत सदा दासन्ह को माना । जगतपूज भे कपि हनुमाना ।।
आरत दीन सदा सत्कारे । तिहुपुर होत राम जयकारे ।।
कौसल्यादि सकल महतारी । दशरथ आदि भगत प्रभु झारी ।।
सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई । आरति करत बहुत सुख पाई ।।
धूप दीप चन्दन नैवेदा । मन दृढ़ करि नहि कवनव भेदा ।।
राम लला की आरती गावै । राम कृपा अभिमत फल पावै ।।

- इसके बाद फूल भगवान को चढ़ा दें और यह श्लोक बोलते हुए प्रदक्षिणा (अपने स्थान पर खड़े होकर घुम जाएं) करें-
यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यादिकानि च।
तानि तानि प्रणशयन्ति प्रदक्षिण पदे पदे।।
इस प्रकार भगवान श्रीराम की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

ये भी पढ़ें 

Durga Aarti Lyrics in Hindi: देवी मां की ये आरतियां हैं सबसे ज्यादा फेमस, इन्हें सुन झूमने लगते हैं भक्त


Chaitra Navratri 2022 Ashtami Date: कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि, जानिए इस तिथि का महत्व

Mangal Gochar 2022: उज्जैन में है मंगल देवता का प्राचीन मंदिर, पूरे भारत में सिर्फ यहां होती है ये ‘खास’ पूजा

Ram Navami 2022: पाना चाहते हैं सक्सेस तो हमेशा ध्यान रखें भगवान श्रीराम की ये 5 लाइफ मैनेजमेंट टिप्स

 

Share this article
click me!