Shanishchari Amavasya 2023: 20 साल बाद 21 जनवरी को बनेगा अमावस्या का ये दुर्लभ संयोग, इसके बाद 2027 में बनेगा

Shanishchari Amavasya 2023: इस बार 21 जनवरी, शनिवार को माघ मास की अमावस्या रहेगी, जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं। शनिवार को होने से ये शनिश्चरी अमावस्या भी कहलाएगी। कई दशकों में ऐसा संयोग बनता है जब मौनी अमावस्या शनिवार का आती है। 
 

Manish Meharele | Published : Jan 18, 2023 5:02 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। ये कृष्ण पक्ष के अंतिम तिथि होती है। इस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता। इस तिथि के स्वामी पितरों को माना गया है। इस बार 21 जनवरी, शनिवार को माघ मास की अमावस्या है, जिसे मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) कहते हैं। इस अमावस्या का महत्व कई धर्म ग्रंथों में बताया गया है। मौनी अमावस्या शनिवार को होने से ये साल 2023 की पहली शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2023) भी रहेगी। कई दशकों में ऐसा शुभ योग बनता है जब मौनी अमावस्या शनिवार को आती है। आगे जानिए कितने सालों बाद ये संयोग बन रहा है और आगे कब बनेगा… 

2003 के बाद मौनी अमावस्या शनिवार को (Mauni Amavasya 2023 Shubh Yog)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, जो अमावस्या शनिवार को होती है, उसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं। ऐसा संयोग साल में एक या दो बार ही बनता है। साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है। ये अमावस्या इसलिए भी खास है क्योंकि ये माघ मास में आ रही है। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहते हैं। इसके पहले माघ मास में शनिश्चरी अमावस्या का संयोग 20 साल पहले 1 फरवरी 2003 को बना था। अब ऐसा संयोग चार साल बाद यानी 6 फरवरी 2027 को बनेगा।

शनि के कारण खास रहेगी ये अमावस्या
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, 17 जनवरी को शनि ग्रह राशि बदलकर कुंभ राशि में आ चुका है। ये स्वयं शनि की ही राशि है। इस राशि में शनि बहुत बलवान होता है। 30 सालों में शनि एक बार इस राशि में प्रवेश करता है। शनिश्चरी अमावस्या पर शनि ग्रह की ये स्थिति बहुत ही खास रहेगी, जिसके चलते इस दिन शनिदेव की पूजा-उपाय करना बहुत ही शुभ फल देने वाली रहेगी।

धर्म ग्रंथों में भी मिलता है इस तिथि का महत्व
शनिश्चरी अमावस्या का संयोग साल में 1-2 बार बनता है। लेकिन मौनी अमावस्या पर शनिश्चरी अमावस्या का संयोग कई दशकों में एक बार बनता है।  स्कंद, पद्म और विष्णुधर्मोत्तर पुराण के अनुसार, माघ मास की अमावस्या पर शनिश्चरी अमावस्या का संयोग बने तो इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस दिन किए गए श्राद्ध और तर्पण से पूरे साल के लिए संतुष्ट हो जाते हैं।


 

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