भविष्य में होने वाली घटना के प्रति हमारा शरीर पहले ही आशंका व्यक्त कर देता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों का फड़कना भी भविष्य में होने वाली घटनाओं से हमें अवगत कराने का एक माध्यम है।
उज्जैन. मनुष्य का शरीर अन्य प्राणियों की तुलना में काफी संवेदनशील होता है। यही कारण है कि भविष्य में होने वाली घटना के प्रति हमारा शरीर पहले ही आशंका व्यक्त कर देता है। शरीर के विभिन्न हिस्सों का फड़कना भी भविष्य में होने वाली घटनाओं से हमें अवगत कराने का एक माध्यम है। समुद्र शास्त्र के अंतर्गत कौन सा अंग फड़कने से क्या हो सकता है, इसके बारे में विस्तृत वर्णन किया गया है, जो इस प्रकार है-
1) समुद्र शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की ठोड़ी फडफ़ड़ाती है उसे स्त्री सुख मिलता है, साथ ही धन लाभ की संभावना भी रहती है।
2) मस्तक (माथा) फड़कने से भौतिक सुखों की प्राप्ति संभव है। कनपटी फड़के तो इच्छाएं पूरी हो सकती हैं।
3) दाहिनी आंख व भौंह फड़के तो सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। बांई आंख व भौंह फड़के तो शुभ समाचार मिल सकता है।
4) दोनों गाल यदि फड़के तो धन की प्राप्ति हो सकती है। मुंह का फड़कना पुत्र की ओर से शुभ समाचार का सूचक होता है।
5) होंठ फड़फड़ाए तो घनिष्ठ मित्र या रिश्तेदार से मिलना होता है। मुंह का फड़कना पुत्र की ओर से शुभ समाचार का सूचक होता है।
6) दाहिना कंधा फड़के तो धन-संपदा मिलने के योग बनते हैं। बायां कंधा फड़के तो सफलता मिल सकती है।
7) हथेली में यदि फड़फड़ाहट हो तो व्यक्ति किसी विपदा में फंस जाता है। हाथों की उंगलियां फड़के तो मित्र से मिलना होता है।
8) दायां बाजू फड़के तो धन व यश लाभ तथा बायां बाजू फड़के तो खोई वस्तु मिलने के योग बनते हैं।
9) दाईं कोहनी फड़के तो झगड़ा हो सकता है, बाईं कोहनी फड़के तो धन की प्राप्ति संभव है।
10) पीठ फड़के तो विपदा में फंसने की संभावना रहती है। दाहिनी बगल फड़के तो आंखों का रोग हो सकता है।
11) पसलियां फड़के तो कोई समस्या आ सकती है, छाती में फडफ़ड़ाहट मित्र से मिलने का सूचक होती है।
12) ह्रदय का ऊपरी भाग फड़के तो झगड़ा होने की संभावना होती है। नितंबों के फड़कने पर प्रसिद्धि व सुख मिलता है।
13) दाहिनें पैर का तलवा फड़के तो परेशानी आ सकती है, बाईं ओर का फड़के तो यात्रा पर जाना पड़ सकता है।