इस बार मकर संक्रांति पर बनेगा पंचग्रही योग, 9 घंटे से ज्यादा का रहेगा पुण्यकाल

14 जनवरी, गुरुवार को सूर्य के मकर राशि में आने से मकर सक्रांति पर्व मनाया जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन सूर्य सुबह करीब 8:20 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा।

Asianet News Hindi | Published : Jan 9, 2021 4:13 AM IST

उज्जैन. 14 जनवरी, गुरुवार को सूर्य के मकर राशि में आने से मकर सक्रांति पर्व मनाया जाएगा। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन सूर्य सुबह करीब 8:20 पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन मकर संक्रांति का पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगा। इस तरह संक्रांति का पुण्यकाल करीब 9 घंटे से ज्यादा का रहेगा। इस बार सूर्य के राशि बदलते ही मकर राशि में सूर्य के साथ चंद्रमा, बुध, गुरु और शनि होने से पंचग्रही योग बनेगा। ग्रहों की यह युति बड़े राजनीतिक और सामाजिक बदलाव लाने का संकेत दे रही है।

शेर पर सवार होकर आएगी संक्रांति

पं. मिश्र के मुताबिक, इस बार संक्रांति का नाम मंद है, जो कि शेर पर सवार होकर वैश्य के घर प्रवेश कर रही है। इसका उपवाहन हाथी है। ये देव जाति की है। शरीर पर कस्तूरी का लेप, सफेद रंग के कपड़े पहने हुए, पुन्नागपुष्प की माला और हाथ में भुशुंडि शस्त्र लिए, सोने के बर्तन में भोजन करती हुई है।

गुरुवार को संक्रांति होना शुभ

पं. मिश्र का कहना हैं कि गुरुवार बृहस्पति देव का दिन है। ज्योतिष ग्रंथों में इसे शुभ दिन माना जाता है। इसलिए इस दिन उत्तरायण होना यानी सूर्य का राशि बदलना बहुत ही शुभ होता है।
- यह संक्रांति गुरुवार को पड़ रही है जिससे महंगाई के कुछ कम होने के आसार हैं। ज्योतिष ग्रंथों में बताया गया है जब सूर्य के राशि बदलता है उस समय संक्रांति वाली कुंडली बनाई जाती है। जिससे अगले 30 दिनों का राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक भविष्यफल निकाला जा सकता है।
- कुछ सरकारी अधिकारियों के लिए हालात खराब हो सकते हैं। इन सबके प्रभाव से 15 फरवरी तक देश में असामाजिकता बढ़ सकती है। आपराधिक गतिविधियां बढ़ और वारदातें बढ़ सकती हैं। लेकिन लोगों की सेहत में सुधार होगा। अन्य देशों से भारत के संबंध मजबूत होंगे। देश में अनाज भण्डारण भी बढ़ेगा।
 

Share this article
click me!