बुधवार, चतुर्थी और पुष्य नक्षत्र का योग 24 जून को, श्रीगणेश की पूजा से घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

Published : Jun 24, 2020, 11:12 AM IST
बुधवार, चतुर्थी और पुष्य नक्षत्र का योग 24 जून को, श्रीगणेश की पूजा से घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि

सार

24 जून, बुधवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी है। इसे विनायकी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा विशेष रूप से की जाती है।

उज्जैन. इस बार चतुर्थी तिथि बुधवार को होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि इस तिथि और वार के स्वामी भगवान श्रीगणेश ही हैं। 2020 का पहला संयोग है जब बुधवार को चतुर्थी तिथि है। इसके बाद 18 नवंबर को ये योग बनेगा। साथ ही इस दिन दोपहर 1.33 तक पुष्य नक्षत्र भी रहेगा। इस शुभ योग में भगवान श्रीगणेश की पूजा इस विधि से करें-

‌इस विधि से करें व्रत और पूजा
- बुधवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद अपनी इच्छा अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा स्थापित करें।
- संकल्प मंत्र के बाद भगवान श्रीगणेश को सिंदूर, फूल, चावल आदि चीजें चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊं गं गणपतयै नम:) बोलते हुए दूर्वा चढ़ाएं। गुड़ या बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं।
- 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें तथा 5 ब्राह्मण को दान कर दें। शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें। पूजा के बाद श्रीगणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें।
- इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देने बाद शाम को चंद्रमा निकलने के बाद स्वयं भोजन करें। संभव हो तो उपवास करें।
- इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: किसे मिलेगा किस्मत का साथ-कौन रहेगा खाली हाथ? जानें राशिफल से
Aaj Ka Panchang 8 दिसंबर 2025: आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र? जानें दिन भर के मुहूर्त की डिटेल