Hariyali Amavasya 2022 Date: कब मनाया जाएगा हरियाली अमावस्या पर्व, जानिए इस दिन कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे?

Hariyali Amavasya 2022: हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस तिथि के स्वामी पितृ देवता हैं। इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को श्रावण मास की अमावस्या है। ग्रंथों में इसे हरियाली अमावस्या कहा गया है।

Manish Meharele | Published : Jul 18, 2022 12:20 PM IST / Updated: Jul 18 2022, 07:19 PM IST

उज्जैन. इस बार 28 जुलाई, गुरुवार को हरियाली अमावस्या है। इसका महत्व पुराणों में वर्णित है। कहा जाता है कि हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022 Date) पर शिवजी की पूजा पितृ स्वरूप में करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ये तिथि प्रकृति से संबंधित भी मानी जाती है क्योंकि इस समय बारिश होने से चारो ओर हरियाली होती है। इस समय प्रकृति का सुंदर स्वरूप दिखाई देता है। पुरातन समय में इस दिन कई विशेष आयोजन जैसे दंगल, मेले आदि होते थे। आगे जानिए हरियाली अमावस्या का महत्व व अन्य खास बातें…

कब सब कब तक रहेगी अमावस्या तिथि? (Hariyali Amavasya 2022 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की अमावस्या तिथि 27 जुलाई, बुधवार की रात लगभग 09.11 से शुरू होगी, जो 28 जुलाई, गुरुवार की रात 11.24 तक रहेगी। उदया तिथि 28 जुलाई को होने से इस दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ रहेगा। इस दिन सुबह 07.05 तक पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से शुभ नाम के 2 योग बनेंगे। गुरु पुष्य का शुभ योग होने से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ जाएगा।

इसलिए भी खास है ये तिथि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पुष्य को नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं और उप स्वामी बृहस्पति। अमावस्या पितरों की तिथि है। इस दृष्टि से ये अमावस्या तंत्र, मंत्र की साधना के लिए भी विशेष शुभ है। अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं। इस अमावस्या पर चंद्रमा स्वयं की राशि कर्क में रहेंगे। ये योग पितृ कर्म जैसे- पिंडदान, श्राद्ध आदि के लिए श्रेष्ठ है। इस दिन पितरों की स्मृति में पौधारोपण करना भी श्रेष्ठ रहेगा। इससे भी पितृ प्रसन्न होंगे।

पितृ शांति के लिए ये उपाय करें… (Hariyali Amavasya 2022 Upay)
1.
हरियाली अमावस्या पर किसी योग्य ब्राह्मण को सपत्निक घर बुलाकर भोजन करवाएं।
2. इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें। गाय को चारा खिलाएं। 
3. हरियाली अमावस्या पर मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें। नदी में काले तिल प्रवाहित करें।

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