Kartik Purnima 2022: कब है कार्तिक पूर्णिमा, इसे देव दीपावली क्यों कहते हैं?

Kartik Purnima 2022: धर्म ग्रंथों में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। कार्तिक मास का अंतिम दिन यानी पूर्णिमा को देव दीपावली कहते हैं। इस बार ये तिथि 8 अक्टूबर, मंगलवार को है। 
 

Manish Meharele | Published : Nov 1, 2022 6:50 AM IST

उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण रूप में दिखाई देता है। इस तरह साल में 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इनमें से कार्तिक मास की पूर्णिमा (Kartik Purnima 2022) बहुत खास मानी गई है। इस दिन देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 8 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण का संयोग बन रहा है, जो शाम 6.20 तक रहेगा। इसके बाद कार्तिक पूर्णिमा के संबंधित शुभ कार्य किए जा सकेंगे। आगे जानें कार्तिक पूर्णिमा से जुपर शाम को क्या करें…

देव दीपावली का महत्व (Significance of Dev Deepawali)
धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते हैं। मान्यता के अनुसार, इस तिथि पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था। प्रसन्न होकर देवताओं ने उत्सव मनाया था। साथ ही इस दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि को बचाया था। इस वजह से इस तिथि को देव दीपावली कहते हैं।

पूर्णिमा पर दीपदान का विशेष महत्व
पुराणों में कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का विशेष महत्व बताया गया है। वैसे तो इस पूरे महीने में ही दीपदान का महत्व है, लेकिन जो लोग ऐसा न कर पाएं, वे सिर्फ कार्तिक पूर्णिमा पर भी दीपदान करें तो भी पूरे महीने दीपदान करने का पुण्य प्राप्त हो सकता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

तुलसी के सामने लगाएं शुद्ध घी का दीपक
कार्तिक मास में तुलसी पूजा करने से हर तरह की परेशानी से बचा जा सकता है। शाम को तुलसी के पौधे के सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और तुलसी नामाष्टक का पाठ भी करें। इससे भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी। ऐसा करने से सभी व्रत का पुण्य फल प्राप्त किया जा सकता है व अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते हैं।

पवित्र नदी में स्नान करें
वैसे तो कार्तिक पूर्णिमा पर पूरे दिन नदी में स्नान करने की परंपरा है, लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण के चलते ऐसा नहीं हो पाएगा। चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही यानी शाम को 6.20 के बाद ही किसी नदी में स्नान करें। ऐसा न कर पाएं तो घर में ही स्नान मंत्र बोलते हुए नहा लें। इससे भी शुभ फल मिलेंगे। 

दान करने से मिलेंगे शुभ फल
कार्तिक पूर्णिमा पर दान का भी महत्व है। शाम को चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूरतमंदों को कपड़े, अनाज और भोजन का दान करें। इससे कार्तिक पूर्णिमा से संबंधित शुभ फल तो मिलेंगे ही, साथ ही ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी कम होगा।

 

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