केरल में विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है। इससे पहले यहां लव जिहाद को लेकर नई बहस छिड़ गई है। दरअसल, लव जिहाद से इनकार करने वाली एलडीएफ सरकार की सहयोगी पार्टी के नेता ने ही अब इस मुद्दे को उठाया है। इसके बाद यहां विवाद हो गया।
तिरुवनंतपुरम. केरल में विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है। इससे पहले यहां लव जिहाद को लेकर नई बहस छिड़ गई है। दरअसल, लव जिहाद से इनकार करने वाली एलडीएफ सरकार की सहयोगी पार्टी के नेता ने ही अब इस मुद्दे को उठाया है। इसके बाद यहां विवाद हो गया।
दरअसल, एलडीएफ में घटक दल केरल कांग्रेस (एम) के नेता जोस के. मणि ने कहा कि अगर केरल में लव जिहाद को लेकर चिंता है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। हालांकि, लेफ्ट पार्टी के नेताओं के दबाव में मणि को अपना बयान वापस लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि उनका और लेफ्ट का एक ही स्टैंड है।
क्या कहा था मणि ने?
मणि ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि अगर ऐसा कोई मुद्दा सामने आता है तो उसकी जांच करनी चाहिए। उसका निदान करना चाहिए। फिर भी लोगों में इसे लेकर शंकाएं हैं तो उसका स्पष्टता से अध्ययन किया जाना चाहिए।
मणि के बयान से लेफ्ट नेताओं ने काटा किनारा
वहीं, मणि के इस बयान को लेकर सीपीआई के नेता ककनम राजेंद्रन ने कहा कि एलडीएफ अपने घोषणापत्र में इस बारे में अपना स्टैंड साफ कर दिया है। मणि ने जो कहा वह उनकी निजी राय है। लव जिहाद शब्द का इस्तेमाल सांप्रदायिक ताकतों ने किया है। वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री पी विजयन ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
क्रिश्चियन समुदाय ने किया स्वागत
वहीं, मणि के इस बयान का केरल कैथोलिक बिशप्स काउंसिल ने समर्थन किया था। उन्होंने कहा कि केरल में लव जिहाद सच्चाई है। केसीबीसी के प्रवक्ता फादर जैकब पलाकप्पिलै ने कहा कि वह मुद्दे पर मणि के जवाब से खुश हैं और उन्होंने राज्य की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों से मामले पर अपना रुख बताने को कहा।
क्या कहा भाजपा ने?
भाजपा के केरल प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि मणि के बयान से साबित हो गया है कि भाजपा जो मुद्दा उठा रही है, वह राज्य का प्रमुख मुद्दा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य में सरकार बनने पर 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने का वादा किया है।