प बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के साथ केरल में भी 2 मई को नतीजे आए। यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व में एलडीएफ सत्ता में आई। पी विजयन लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। 140 सीटों वाले केरल में 1 चरण में 140 सीटों पर मतदान हुए थे। एलडीएफ ने 99 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, यूडीएफ ने 41 सीटें जीतीं। खास बात ये रही कि इस बार भी भाजपा यहांं खाता नहीं खोल पाई।
तिरुअनंतपुरम. प बंगाल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी के साथ केरल में भी 2 मई को नतीजे आए। यहां सीपीआई (एम) के नेतृत्व में एलडीएफ सत्ता में आई। पी विजयन लगातार दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे। 140 सीटों वाले केरल में 1 चरण में 140 सीटों पर मतदान हुए थे। एलडीएफ ने 99 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, यूडीएफ ने 41 सीटें जीतीं। खास बात ये रही कि इस बार भी भाजपा यहांं खाता नहीं खोल पाई।
ये चर्चित चेहरे थे मैदान में?
सीपीआई-एम नेता और सीएम पिनराई विजयन धर्मधाम, भाजपा ने पलक्कड से ई श्रीधरन, मंजेश्वर से के सुरेंद्रन , कांग्रेस ने ओमान चांडी को पुथुपल्ली से, हरिपद से रमेश चेन्निथला को टिकट दिया।
क्या रहे चुनाव के मुद्दे?
केरल चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा जमकर उछला। भाजपा और यूडीएफ ने सत्ताधारी एलडीएफ को सोने की तस्करी के मामले में जमकर घेरा। जिसमें जांच की आंच मुख्यमंत्री के ऑफिस तक पहुंची है। इसके अलावा सबरीमाला मुद्दा भी खूब चर्चा में रहा।
केरल में इस बार चुनाव 957 उम्मीदवार मैदान में हैं। एडीआर ने 928 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया है। इनमें से 364 राष्ट्रीय दलों से, 52 राज्य दलों से, 201 गैर मान्यता प्राप्त दलों से जबकि 311 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं। 928 उम्मीदवारों में से 355 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 167 के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 928 में से 249 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
क्या थे 2016 के नतीजे?
केरल में 2016 में सीपीआई एम ने 58, कांग्रेस ने 22, सीपीआई ने 19, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 18, केरल कांग्रेस ने 6, जनता दल ने 3, एनसीपी ने 2 और भाजपा ने 1 सीट जीत थी। 11 पर अन्य ने कब्जा किया था।