Chhath Puja 2022: छठ का प्रसाद बनाते वक्त और व्रत रखने के दौरान ना करें ये 8 गलती

Chhath Puja 2022: नहाय-खाय के साथ 28 अक्टूबर से छठ महापर्व शुरू हो गया है। यह एक ऐसा पर्व है जिसे काफी पवित्रता के साथ किया जाता है। कठोर साधना वाले इस पर्व में किसी भी तरह की गलती से बचना चाहिए। जो लोग छठ व्रत करते हैं उन्हें कई बातों का ख्याल रखना होता है। एक गलती व्रत को भंग कर सकती है।
 

लाइफस्टाइल डेस्क. छठ पूजा (Chhath Puja 2022) आज यानी 28 अक्टूबर से शुरू हो गया है। नहाय-खाय के साथ व्रती का उपासना शुरू हो गया है। छठ पर्व सबसे कठिन मना गया है। व्रत धारी 36 घंटे का निर्जला व्रत करते हैं। व्रत के दौरान उन्हें कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है। सबसे पवित्र और पावन कहे जाने वाले इस व्रत में एक भी गलती व्रत को भंग कर सकती है। बिहार और यूपी से निकला यह पर्व अब पूरे देश में होने लगा है। छठ व्रत की तैयारियों से लेकर प्रसाद बनाने तक कई बातों का ख्याल रखना पड़ता है। इस दौरान 8 तरह की गलती से बचना चाहिए। 

1. प्रसाद बनाने की जगह होना चाहिए साफ सुथरा
छठ पूजा सबसे पवित्र माना गया है। इसलिए प्रसाद बनाने की जगह अलग होना चाहिए, जो जानवर और बच्चों की पहुंच से दूर हो। जहां हर रोज खाना बनता है वहां प्रसाद नहीं बनाना चाहिए। प्रसाद बनाने और सूप रखने वाली जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए।

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2. रोज के इस्तेमाल होने वाले बर्तन को रखें दूर
छठ का प्रसाद बनाने के लिए रेगुलर बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इसका बर्तन पीतल या फिर नया होना चाहिए। रोज खाना बनाने वाले बर्तन में प्रसाद बनाने की गलती भूलकर भी ना करें।

3.ठेकुआ बनाने के लिए बाहर के आते का ना करें प्रयोग
ठेकुआ छठ का अहम प्रसाद माना जाता है। इसे बनाने के लिए कभी भी बाजार के आटे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बल्कि घर पर गेंहू को धोकर सुखाया जाता है। सुखाते वक्त भी यह सुनिश्चित किया जाता है किसी पशु पक्षी इसे जूठा ना करें। फिर घर पर इसे पीसा जाता है। चावल का कसाड़ बनाने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।

4.पूजा के लिए शीशे का बर्तन या स्टीन का बर्तन ना करें उपयोग
पूजा के लिए बांस से बने सूप या टोकरी का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा पीतल थाली का इस्तेमाल किया जाता है। छठ पूजा के दौरान स्टील या शीसे का बर्तन बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं करने चाहिएं।

5.अर्घ्य देने के लिए स्टील या प्लास्टिक का बर्तन नहीं करें इस्तेमाल
सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए स्टील, प्लास्टिक या फिर चांदी के बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसकी जगह पर कांसा या पीतल का लोटा लेना चाहिए। 

6.रिफाइन या तेल में प्रसाद नहीं बनाएं
प्रसाद बनाने के लिए रिफाइन या अन्य तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। शुद्ध घी में छठी मइया और सूर्य देवता का प्रसाद बनाया जाता है। फल को भी अच्छी तरह  साफ करके सूप में रखा जाता है। 

7.साफ और नए कपड़ों में दे अर्घ्य
व्रत धारियों को चाहिए कि वो साफ या नए कपड़ों में अर्घ्य दें। महिलाएं पीरियड्स के दौरान पहने गए कपड़ों का इस्तेमाल ना करें। 

8. मन में किसी के लिए गलत ना सोचें

8.व्रतधारी व्रत के दौरान नशे करने वाले चीजों से दूर रहें। 36 घंटे के व्रत के दौरान खुद को बाहर और अंदर से शुद्ध रखें। व्रत के दौरान किसी के बारे में गलत बातें ना सोचें। इससे व्रत भंग हो सकता है।

अंजाने में की गई हर गलती को छठी मइया माफ कर देती हैं। लेकिन अगर मन में छल लेकर व्रत कर रहे हैं तो उनका आशीर्वाद नहीं मिलता है। छठ व्रत करने से पहले बाहर के साथ-साथ मन की भी सफाई करनी जरूरी है।

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