हमेशा प्यास लगने के कारण क्या हैं? जानिए डिहाइड्रेशन, डायबिटीज, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और दवाइयों के साइड इफेक्ट्स से कैसे बढ़ सकती है प्यास। प्यास बुझाने के उपाय और कब डॉक्टर से सलाह लें।
हेल्थ डेस्क। कभी-कभी हर वक्त पानी पीने के बाद भी प्यास लगती रहती है। हम सोचते हैं कि ये शायद नॉर्मल हैं लेकिन हमेशा पानी पीने के बाद भी अक्सर प्यास लगती रहती हैं तो ये अच्छे संकेत नहीं है। दरअसल, इसके पीछे कई बड़े कारण हो सकते हैं, जो कई बीमारियों को जन्म दे सकते हैं। वहीं, कई मेडिकल शोध बताते हैं कि दवाइयों के साइड इफेक्ट, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के साथ लाइफस्टाइल का इसमे अहम रोल होता है। तो चलिए जानते हैं आखिर ज्यादा प्यास लगने के कारण क्या होते हैं।
जब शरीर में पानी की कमी होती हैं यानी आप डिहाईड्रेट होते हैं तो प्यास लगाना जायज है। साथ ही ज्यादा पसीना निकलना, इंटेस वर्कआउट और लंबे वक्त तक धूम न मिलने के कारण आप प्यासा महसूस कर सकते हैं।
डायबिटीज में अक्सर प्यास (पोलिडिप्सिया) और पेशाब (पोलियूरिया) की परेशानी होती है। हाई ब्लड प्रेशर की वजह से शरीर एक्स्ट्रा ग्लूकोज को पेशाब के जरिए बाहर निकालने की कोशिश करता है। इसके साथ शरीर से पानी भी निकल जाता है, और ज्यादा प्यास लगती है।
सोडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में पानी के संतुलन के लिए जरूरी हैं। जब इनकी मात्रा असंतुलित हो जाती है तो ज्यादा प्यास लगती है।
अगर आप उन लोगों में शामिल हैं जो ज्यादा नमक का सेवन करते हैं तो प्यास लगना भी जायज है। नमक ब्लड सर्कुलेशन में पानी को खींचता है। जिससे सेल्स में पानी की कमी हो जाती है। ऐसे में आप पानी पीने के साथ संतरे या खीरे का सेवन कर सकते हैं।
कुछ दवाएं शरीर में पानी की कमी और बार-बार प्यास का कारण बन सकती हैं। हाई ब्लड प्रेशर के लिए दी जाने वाली दवाएं पेशाब की मात्रा बढ़ा देती हैं। जबकि एंटीकोलिनर्जिक दवाएं, लार का उत्पादन कम करती है। जिससे मुंह सूखता है और प्यास लगने का अहसास होता है।
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