बच्चे रोज खा रहे हैं शक्कर? हो जाइए अलर्ट, हो सकता है बड़ा नुकसान!

Published : Jun 03, 2025, 02:31 PM IST

रोज़ाना चीनी बच्चों के लिए ज़हर! जानिए कैसे ये दिमाग, सेहत और विकास पर डालती है बुरा असर। ज़रूरी है पैकेज्ड फ़ूड से सावधान रहना और बच्चों को हेल्दी विकल्प देना।

PREV
15

बाजार में मिलने वाले ज्यूस, चॉकलेट, बिस्किट, केक, टॉफी, पैक्ड फूड, डेज़र्ट और यहां तक कि कुछ ब्रेड व दही में भी शक्कर (चीनी) की मात्रा छिपी होती है। कई बार अनजाने में माता-पिता अपने बच्चों को हर दिन कई चम्मच चीनी खिला देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजाना शक्कर का सेवन बच्चों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? पुराने समय में और आज भी लोग अपने 4-5 महीने के बच्चे के दूध में चीनी मिलाकर उन्हें पिलाते हैं, बाल रोग विशेषज्ञ इस बात के सख्त खिलाफ हैं। डॉक्टर के अनुसार चीनी सिर्फ सेहत को नुकसान पहुंचाता है और नवजात शिशु को चीनी का एक भी दाना उसके मानसिक विकास के लिए बाधा बन सकता है।

25

बच्चों के लिए रोजाना शक्कर खाना – सही या गलत?

बच्चों के लिए रोजाना शक्कर का सेवन गलत है।

  • शिशु और छोटे बच्चों को रोजाना शक्कर देना उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। WHO और American Heart Association (AHA) के अनुसार:
  • 2 साल से कम उम्र के बच्चों को एक भी चम्मच चीनी नहीं देनी चाहिए। यह उम्र दिमागी विकास की होती है।
  • 2–18 वर्ष के बच्चों को रोजाना 25 ग्राम (6 चम्मच) से अधिक शक्कर नहीं लेनी चाहिए।
35

रोजाना चीनी खाने से बच्चों पर पड़ने वाले प्रभाव:

दांतों की सड़न (Tooth Decay)

शक्कर मुंह में बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है, जिससे कैविटी जल्दी होती है।

एकाग्रता और व्यवहार पर असर

चीनी खाने से बच्चों में चिड़चिड़ापन, हाइपरएक्टिविटी और ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है।

मोटापा और मेटाबोलिज्म पर असर

रोजाना शक्कर लेने से बच्चों का वजन तेजी से बढ़ सकता है, जिससे उन्हें भविष्य में डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा हो सकता है।

नींद पर बुरा असर

अधिक शक्कर खाने से बच्चों की नींद डिस्टर्ब हो सकती है, जिससे उनका मूड और पढ़ाई दोनों पर असर पड़ता है।

प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity) कमजोर होना

चीनी शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ाती है, जिससे बच्चे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

45

बच्चों को मीठास के लिए क्या दें – हेल्दी विकल्प:

  • शक्कर-हेल्दी Option
  • सफेद चीनी-फल (केला, सेब, आम)
  • कैंडी-टॉफी-ड्राई फ्रूट (अखरोट, किशमिश, अंजीर)
  • पैक्ड जूस-ताजा घर का फलों का रस (बिना चीनी)
  • मीठे बिस्किट- होममेड गुड़/शहद से बनी मिठाई
  • चॉकलेट-डार्क चॉकलेट (70% कोको से ज्यादा) सीमित मात्रा में

ध्यान दें: 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए।

55

माता-पिता के लिए जरूरी सलाह:

  • पैकेज्ड फूड का लेबल जरूर पढ़ें – "Added Sugar" या "High Fructose Corn Syrup" से बचें।
  • बच्चों को मीठा खाने की आदत ना डालें, बल्कि फल खाने की आदत डालें।
  • “मीठा इनाम” की मानसिकता को बदलें – बच्चों को तारीफ या समय देकर खुश करें।
Read more Photos on

Recommended Stories