प्रियंका चोपड़ा इस बीमारी से हैं पीड़ित, पर्स में लेकर चलती हैं इनहेलर, जानें इस लाइलाज डिजिज के बारे में सबकुछ
हेल्थ डेस्क. बॉलीवुड से निकलकर हॉलीवुड में अपनी अलग पहचान कायम करने वाली प्रियंका चोपड़ा (priyanka chopra) अपने फिटनेस का काफी ख्याल रखती हैं। हालांकि बचपन से वो एक लाइलाज बीमारी की शिकार हैं। जिसे लेकर वो हमेशा सावधान रहती हैं।
Nitu Kumari | Published : May 25, 2023 6:44 AM IST
प्रियंका चोपड़ा को 5 साल की उम्र से अस्थमा है। वो अस्थमैटिक हैं। इसका खुलासा वो कई इंटरव्यू में कर चुकी हैं। सोशल मीडिया पर भी इस बात का जिक्र उन्होंने किया था। अदाकारा अपने फिटनेस का ख्याल रखते हुए इस बीमारी को कंट्रोल में करके रखी हुई हैं।
हालांकि प्रियंका चोपड़ा के पर्स में इनहेलर हमेशा मौजूद होता है। ताकि जरूरत पड़ने पर वो इसका इस्तेमाल कर सकें। अदाकारा ने इस बीमारी को लेकर दूसरे को भी जागरूक किया है। आइए जानते हैं अस्थमा बीमारी के बारे में सबकुछ।
क्या होता है अस्थमा
अस्थमा श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है। इसमें श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इक्ट्ठा होने लगता है। जिससे सांस लेने में तकलीफ होती है। जिसकी वजह से मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगती हैं। इस बीमारी को दमा भी कहते हैं। सीने में दर्द, लगातार खांसी आने जैसी प्रॉब्लम अक्सर इसमें दिखाई देती हैं। यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकता है। नवजात भी इसके शिकार हो सकते हैं।
अस्थमा अटैक क्या है
मरीज में जब अस्थमा के लक्षण बढ़ने लगते हैं तो स्थिति खराब हो जाती है। इसे अस्थमा अटैक (Asthma Attack) आना कहा जाता है।
इस स्थिति में फेफड़ों की नलियां और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। अस्थमा अटैक के कई कारण हैं। जैसे सिगरेट का धुआं, प्रदूषण, जुकाम, धूल, ऊंचाई पर चढ़ना, परफ्यूम, हेयर स्प्रे आदि।
अस्थमा अटैक आने के लक्षण ( Asthma Attack Symptoms)
अस्थमा अटैक के लक्षण व्यक्ति और व्यक्ति के उम्र पर निर्भर करते हैं। इसके अलग-अलग लक्षण लोगों में दिखाई देते हैं। मसलन-
सांस लेने में तकलीफ
खांसी आना
गले में घरघराहट की आवाज आना
गले और चेस्ट की मसल्स का सिकुड़ना
सीने में दर्द और अकड़न
छाती में दबाव महसूस होना
नाखूनों और होंठ का नीला पड़ जाना
बोलने, खाने और निगलने में दिक्कत
इनहेलर का इस्तेमाल करने के बाद भी परेशानी होना।
नींद नहीं आना
अस्थमा अटैक आने पर क्या करें
अस्थमा एक लाइलाज बीमारी हैं। हालांकि डॉक्टर के सुझाव और रुटीन में बदलाव करके इस पर कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन अगर किसी को अस्थमा अटैक आता है तो उसे सबसे पहले सीधे बैठाएं। फिर उसे धीमी और लगातारा सांस लेने के लिए बोलें। इनहेलर के सांस लेते रहें। इसके बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।