क्या एंटी-एजिंग दवाएं बन सकती हैं दिल के लिए खतरा? शेफाली जरीवाला की मौत ने उठाए सवाल

Published : Jun 29, 2025, 08:27 AM IST
anti aging drugs

सार

Anti Aging Drugs: शेफाली जरीवाला की अचानक मौत के बाद एंटी एजिंग दवाओं और कार्डियक अरेस्ट के बीच संबंध पर सवाल उठे हैं। अगर आप भी एंटी एजिंग दवाओं का सेवन कर रही है या फिर इंजेक्शन लगवा रही हैं तो ये खबर आपके लिए है।

Shefali Jariwala Death And Anti Aging Drugs: 'कांटा लगा'गर्ल शेफाली जरीवाला की 42 की उम्र में अचानक मौत हो गई। कहा जा रहा है कि उनकी मौत कार्डियक। अरेस्ट (SCA) के कारण हुई है। मौत के एक दिन पहले तक वह बिल्कुल ठीक थीं। दावा किया जा रहा है कि बिग बॉस फेम शेफाली यंग दिखने के लिए पिछले 5-6 सालों से एंटी एजिंग ड्रग्स ले रही थीं। उनकी मौत के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या एंटी एजिंग मेडिशिन लेने से कार्डियक अरेस्ट आ सकती है।

आजकल यंग दिखने के लिए कई महिलाएं और पुरुष एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स, हार्मोन बूस्टर्स या बायोहैकिंग ड्रग्स का सहारा लेते हैं। इनमें से कुछ दवाएं बाजार में बिना डॉक्टरी सलाह के भी मिल जाती हैं। पर क्या ये दवाएं लंबे समय तक शरीर पर गंभीर असर डाल सकती हैं।

एंटी एजिंग ड्रग्स के संभावित खतरे क्या हैं?

हार्मोनल असंतुलन: एंटी-एजिंग सप्लीमेंट्स में अक्सर मेलाटोनिन, डीएचईए (DHEA) या ग्रोथ हार्मोन जैसे तत्व होते हैं जो हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को प्रभावित कर सकते हैं।

अत्यधिक कैफीन या एनर्जी एजेंट्स: कुछ बायोहैकिंग सप्लीमेंट्स में ऐसे पदार्थ होते हैं जो नसों पर असर डालते हैं और हार्टबीट तेज कर सकते हैं।

लंबे समय तक बिना निगरानी के सेवन: बिना डॉक्टर की निगरानी के इनका इस्तेमाल कार्डियक रिदम को बिगाड़ सकता है। एंटी एजिंग मेडिसिन हार्ट में इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किटिंग कर देते हैं। जिससे सडन कार्डियक अरेस्ट आ सकता है।

क्या कहते हैं डॉक्टर?

डॉक्टरों के अनुसार, एंटी-एजिंग दवाओं का ट्रेंड बढ़ रहा है लेकिन हर दवा हर व्यक्ति के लिए सुरक्षित नहीं होती। खासकर जब दिल की बीमारियों का पारिवारिक इतिहास हो या लाइफस्टाइल स्ट्रेस वाला हो। कोई भी दवा शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूरी है, खासकर एंटी-एजिंग या हार्मोन-बेस्ड मेडिसिन्स के मामले में। हार्ट के मरीज को तो बिल्कुल इस तरह की दवाइयां नहीं लेनी चाहिए।

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर

जब हृदय की मांसपेशियों तक खून पहुंचाने वाली धमनियां (coronary arteries) ब्लॉक हो जाती हैं तो हार्ट मसल्स को ऑक्सीजन नहीं मिलती। इससे दिल के हिस्से को नुकसान होता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक आता है। वहीं,जब दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है और ब्लड फ्लो रुक जाता है। यह एक इलेक्ट्रिकल गड़बड़ी के कारण होता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है। हार्ट अटैक में बचने की संभावना होती है, जबकि कार्डियक अरेस्ट में इंसान की तुरंत मौत हो जाती है।

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