विशाखापत्तनम: पेट दर्द की शिकायत लेकर आई 27 वर्षीय महिला के शरीर में डॉक्टरों ने एक दुर्लभ स्थिति का पता लगाया। 24 हफ्ते का 'स्टोन बेबी' सर्जरी द्वारा सफलतापूर्वक निकाला गया। डॉक्टरों ने बताया कि दुनिया में पेट के अंदर स्टोन बेबी बनने की घटना बेहद दुर्लभ है।
जब गर्भस्थ शिशु महिला के गर्भाशय के अंदर ही मर जाता है और उसका शरीर इतना बड़ा होता है कि वह शरीर में पुन: अवशोषित नहीं हो पाता है, तो ऐसी स्थिति में बच्चे का शरीर पेट के अंदर ही रह जाता है और उस पर कैल्शियम जमा हो जाता है, जिससे वह स्टोन बेबी में बदल जाता है। इस स्थिति को लिथोपेडियन भी कहा जाता है। गर्भावस्था के चौदहवें हफ्ते से लेकर गर्भावस्था के अंत तक किसी भी समय इस तरह की घटना हो सकती है।
डॉक्टरों का कहना है कि गर्भधारण के शुरुआती दिनों में ही बच्चे की मृत्यु हो जाती है और कैल्शियम जमा होकर वह स्टोन बेबी में बदल जाता है, ऐसी स्थिति में मरीज को सालों तक पता नहीं चल पाता है। कभी-कभी इसका पता पीरियड्स बंद होने के बाद चलता है। या फिर मरीज किसी और कारण से जांच कराने जाता है तो इसका पता चलता है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम स्थित किंग जॉर्ज अस्पताल के डॉक्टरों ने 27 वर्षीय महिला के शरीर से स्टोन बेबी को निकाला। दो बच्चों की मां यह महिला पेट में तेज दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंची थी। बाद में सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने बताया कि भ्रूण की छाती, खोपड़ी, कूल्हे की हड्डी, कंधे की हड्डी आदि को हटा दिया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि महिला के पेट के अंदर हड्डियों के आपस में जुड़ने जैसा कैल्शियम जमा हुआ था। महिला अब स्वस्थ हो रही है।
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