क्या होता है H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस: जानें इसके लक्षण, इलाज और Do's और Don'ts

हेल्थ डेस्क: कोरोना वायरस के बाद भारत में इन्फ्लूएंजा वायरस जैसी बीमारी तेजी से पैर पसार रही है। इस वायरस के चलते पहली मौत कर्नाटक और दूसरी मौत हरियाणा में भी हुई है। ऐसे में हम आपको बताते हैं इस वायरस के बारे में वह सभी बातें जो आपको जानना जरूरी है।

Deepali Virk | Published : Mar 10, 2023 9:18 AM IST
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क्या होता है H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस 
H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस है, जो श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस पक्षियों और स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है। सबसे पहले इस वायरस को 1968 में मनुष्यों में पाया गया था। हालांकि, समय के साथ इसके कई म्यूटेशन देखे गए। h1n1 की वजह से कई साल पहले महामारी आई थी और अब H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस तेजी से फैल रहा है।

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क्या होते हैं H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस के लक्षण 
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार वायरस के लक्षण में ठंड लगना, खांसी, बुखार आना, जी मचलाना, उल्टी होना, गले में दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों और शरीर में दर्द, कुछ मामलों में दस्त , छींक आना, नाक बहना, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द या बेचैनी हो सकती है।

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कैसे फैलता है H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस
H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस बहुत संक्रामक है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा बात करने पर निकलने वाली बूंदों के माध्यम से भी फैल सकता है। इतना ही नहीं यह तब भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, जब कोई किसी ऐसी सतह के संपर्क में आने के बाद अपने मुंह या नाक को छूता है जिस पर वायरस होता है। यह वायरस गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बुजुर्ग, वयस्कों और किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों को सबसे ज्यादा अपना शिकार बना सकता है।

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H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस से बचने के लिए क्या सावधानी बरतें

यह वायरस हमारे श्वसन तंत्र पर सबसे ज्यादा हमला करता है। ऐसे में हमें एक पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से लगातार अपने ऑक्सीजन लेवल को चेक करते रहना चाहिए। यदि ऑक्सीजन लेवल 95% से कम होता है तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस का उपचार
H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस से बचने के लिए आपको पर्याप्त आराम करने की सबसे ज्यादा जरूरत है। बहुत ज्यादा लिक्विड चीजों का आपको सेवन करना चाहिए। बुखार को कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर आप एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी मेडिसिन आप ले सकते हैं। इस वायरस से गंभीर पीड़ित लोगों को डॉक्टर ओसेल्टामिविर और जानामिविर जैसी एंटीवायरल दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं।

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H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस से बचने के लिए क्या करें 
चूंकि ये वायरस तेजी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है, इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत ज्यादा जरूरी है-
1. अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं।

2. फेस मास्क पहने और भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें।

3.  अपनी नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें।

4. खांसते या छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।

5. हाइड्रेट रहे, खूब सारे लिक्विड का सेवन करें बुखार और बदन दर्द होने पर पेरासिटामोल लें।

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H3N2 इन्फ्लूएंजा A वायरस से बचने के लिए क्या ना करें
1. सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से बचें।

2. लोगों से हाथ मिलाने या संपर्क में आने से बचें।

3. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा या एंटीबायोटिक का सेवन नहीं करें।

4. बुखार, खांसी, गले में खराश और शरीर में दर्द होने पर इन्फ्लूएंजा की जांच कराएं और डॉक्टर के कहने पर ही दवाओं का सेवन करें।

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