कोरोनावारयस (Coronavirus) के चलते पूरी दुनिया में पिछले तीन साल से सब कुछ बंद था, लेकिन अब हालात सामान्य हो चुके हैं। इस दौरान फिटनेस का कारोबार भी काफी प्रभावित रहा। लोग घरों पर रहे। लेकिन, पिछले 12 महीनों में भारत में इस मामले में काफी सजगता बढ़ी है। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में सबसे ज्यादा 24 फीसदी भारतीयों ने पिछले 12 महीनों में जिम पर खर्च किया है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में फिटनेस (Fitness) को लेकर जिम जाना काफी लोकप्रिय माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे ज्यादा फिटनेस फ्रीक भारतीय लोग हैं। स्टेटिस्टा ग्लोबल कंज्यूमर सर्वे (Statista Global Consumer survey) में यह बात सामने आई है। इस सर्वे में संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) सर्वे में शामिल लगभग 10 लोगों में से एक ने कहा कि उन्होंने सर्वे से पहले 12 महीनों में जिम की मेंबरशिप के लिए पेमेंट किया था। लेकिन पिछले एक वर्ष के अंदर कितने लोगों ने वास्तव में नियमित रूप से इस सेवा का उपयोग किया है, यह एक बड़ा सवाल है।
साउथ अफ्रीका और चीनी भी जिम पर खर्च कर रहे पैसा
सर्वे में सामने आया है कि फ्रांसीसी लोग जिम को लेकर सबसे कम उत्साहित हैं। सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में से केवल चार प्रतिशत का कहना है कि उन्होंने जिम की सदस्यता के लिए पैसे खर्च किए। इन सबकी तुलना करें तो भारतीय असली फिटनेस फ्रीक लगते हैं। दक्षिण एशियाई देश में सभी उत्तरदाताओं में से 24 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने सर्वेक्षण से पहले 12 महीनों में जिम सेंटर की मेंबरशिप के लिए पेमेंट किया था। दक्षिण अफ्रीका के 21 प्रतिशत और चीन के 20 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्होंने जिम के लिए पैसे खर्च किए।
कोविड महामारी में पिछड़ा जिम व्यवसाय
बताते चलें कि कुछ देशों में फिटनेस संबंधी जागरूकता की कमी कहें, या लोगों की मर्जी, लेकिन यह व्यवसाय काफी पीछे हो चुका है। पिछले तीन सालों से कोविड-19 महामारी के चलते फिटनेस व्यवसाय को और भी नुकसान हुआ है। वर्तमान समय में दुनियाभर में भारत इकलौता ऐसा देश है, जहां तकरीबन 25 फीसदी तक लोगों ने एक साल में फिटनेस के लिए जिम जॉइन करने में इन्वेस्ट किया है।
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भारत में ओमीक्रोन के बाद जिम पर फिर लगे थे ताले
27 नवंबर 2021 को भारत में कोरोना के ओमीक्रोन वैरिएंट के पहले मरीज का पता चला था। इसके बाद दिल्ली, मुंबई समेत तमाम शहरों में पाबंदियां लगाई गई थीं। दिल्ली में तो जिम बंद ही कर दिए गए थे। ऐसे में जिम संचालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। दो साल बार शुरू हुआ कारोबार फिर कोरोना की भेंट चढ़ गया था। हालांकि, कोविड की तीसरी लहर जल्दी ही खत्म हो गई और फिटनेस का कारोबार फिर से बढ़ने लगा।
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