
भारत में सोना सिर्फ गहना नहीं, बल्कि संपत्ति और भावनाओं का प्रतीक माना जाता है। हर महिला चाहती है कि उसके पास प्योर गोल्ड के मंगलसूत्र, इयररिंग्स और बाकी जूलरी हों। लेकिन क्या आपको पता है कि 24 कैरेट गोल्ड भले ही सबसे ज्यादा प्योर माना जाता है, लेकिन इससे बने मंगलसूत्र या इयररिंग्स पहनने में काफी दिक्कत होती है? आइए, जानते हैं इसके नुकसान, ताकि आप खरीदने से पहले सोच-समझ लें।
24 कैरेट गोल्ड में 99.9% प्योरिटी होती है। लेकिन यही इसकी सबसे बड़ी कमी भी है क्योंकि यह बहुत ज्यादा सॉफ्ट होता है। मंगलसूत्र या इयररिंग्स जैसे रोजमर्रा के गहनों के लिए यह टिकाऊ नहीं रहता। हल्के से खिंचने, टकराने या गिरने पर इसमें डेंट, मुड़ने या टूटने की संभावना बढ़ जाती है। यही वजह है कि ज्वैलर्स भी 24Kt में डिजाइन जूलरी बनाने से बचते हैं।
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24Kt गोल्ड की सॉफ्टनेस के कारण इस पर इंट्रिकेट यानि बारीक डिजाइन बनाना मुश्किल होता है। इसलिए मार्केट में ज्यादातर मंगलसूत्र, इयररिंग्स या ब्राइडल जूलरी 22 कैरेट या 18 कैरेट गोल्ड में ही मिलती हैं। अगर आप 24Kt में कुछ भी बनवाती हैं तो उसमें फिनिशिंग और डीटेलिंग की फिनिश बारीकी नहीं आ पाता, जिससे उसका लुक डल लग सकता है।
मंगलसूत्र और इयररिंग्स ऐसी चीजें हैं जिन्हें महिलाएं रोज पहनती हैं। लेकिन 24Kt गोल्ड से बने गहने जल्दी बेंड या डीफॉर्म हो जाते हैं। इसकी वजह से आपको बार-बार जूलरी सही करवानी पड़ेगी और यह झंझट बन जाएगा।
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अगर आप स्टोन जड़ित मंगलसूत्र या इयररिंग्स 24Kt में बनवाती हैं तो यह इनवेस्टमेंट बेकार जाएगी। इसकी सॉफ्टनेस के कारण स्टोन सेटिंग सिक्योर नहीं रह पाती। हल्की सी टक्कर से भी स्टोन गिरने का डर बना रहेगा।
24 कैरेट गोल्ड का वजन 22Kt और 18Kt से ज्यादा होता है, इसलिए इसकी कीमत भी बहुत अधिक होती है। लेकिन इतने महंगे गहने लेने के बावजूद आप उन्हें डेली यूज में नहीं पहन पाएंगी। यह सिर्फ इनवेस्टमेंट पर्पस के लिए अच्छा माना जाता है, जूलरी के लिए नहीं।