
हिंदू सुहागन महिलाओं के गले की सान है मंगलसूत्र भारतीय संस्कृति की बात करें तो ये न सिर्फ एक आभूषण और गहना है, बल्कि एक शुभ बंधन का प्रतीक भी है। शुरुआत से लेकर अब तक समय के साथ-साथ मंगलसूत्र के पैटर्न और डिजाइन में बहुत से बदलाव आए हैं। तब से लेकर कुछ डिजाइन आज भी गले में सजते हैं, तो कुछ विलुप्त हो चुके हैं। मंगलसूत्र के पुराने डिजाइन की बात करें, तो महाराष्ट्र में एक डिजाइन है चंद्रकोर मंगलसूत्र, जो सदियों से महिलाओं के सुहाग की निशानी के रूप में गले में सजता है। ये डिजाइन न सिर्फ अट्रैक्टिव लगता है, बल्कि इसका चंद्रमा का आकार सौभाग्य, शीतलता और स्त्री की सुंदरता का भी प्रतीक है।
चंद्रकोर मंगलसूत्र में चंद्र ( चांद) और कोर ( आकार या किनारा) होता है, इन दोनों को मिलाकर एक ऐसा डिजाइन बनता है, जो आधे चंद्रमा के आकार सा दिखता है।
इसका पेंडेंट हाफ मून के आकार में होता है, जो आकर्षण और परंपरा का प्रतीक है, इसे लोग नेकलेस की तरह भी पहनते हैं, लेकिन ज्यादातर मराठी महिलाएं इसे काले और लाल मोती के साथ मंगलसूत्र के रूप में पहनती हैं।
ट्रेडिशनल चंद्रकोर मंगलसूत्र की ये शानदार डिजाइन बहुत खूबसूरत है, जो आज भी मराठी महिलाओं के गले में सजती है। इसमें दो से तीन लेयर वाले काले मोती के माले में चंद्रकोर पेंडेंट लगा हुआ होता है, आप चाहें तो माला के बीच-बीच में छोटे-छोटे चंद्रकोर पेंडेंट लगवा सकते हैं या सुनहरे मोती भी अच्छे लगेंगे।
मॉर्डन वुमन के लिए भी ट्रेडिशनल चंद्रकोर मंगलसूत्र का मॉर्डन वर्जन है। इसमें आपको छोटा सा चंद्रकोर मंगलसूत्र का पेंडेंट और छोटी मोती वाली बारीक मंगलसूत्र चेन मिल जाएगा, ये आप अपने पसंद के अनुसार लॉन्ग या शॉर्ट में बनवा सकती हैं।
लॉन्ग चंद्रकोर मंगलसूत्र की ये डिजाइन भी बढ़िया है, बहुत सी महिलाएं लॉन्ग मंगलसूत्र पहनना पसंद करती हैं, तो ये डिजाइन उनके लिए। इसके पेंडेंट को आप अपने पसंद के हिसाब से छोटा या बड़ा कर सकती हैं।