Ambedkar Jayanti 2024: डॉ. अंबेडकर के 13 मोटिवेशनल कोट्स, पढ़कर जीवन को करें बेहतर

अंबेडकर जयंती पर आप उनके विचारों को आत्मसात करके एक बेहतर इंसान बन सकते हैं। भारत रत्न से सम्मानित बाबा भीम राव के कहे गए कई ऐसी बाते हैं जो जीवन का फलसफा समझाती है।

 

Nitu Kumari | Published : Apr 13, 2024 4:20 PM IST

लाइफस्टाइल डेस्क.अंबेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाती है। सरकारी दफ्तर और बैंक में इस दिन छुट्टी रहती है। मध्य प्रदेश में महू उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 में हुआ था। वहां पर उनको समर्पित एक स्मारक भी है। पिछड़ों को समानता का अधिकार दिलाने वाले बाबा साहब ने संविधान को लिखा था। डॉ भीम राव अपने आप में एक ग्रंथ हैं। उनके जीवन से आप सीख सकते हैं कि अपने हक के लिए कैसे लड़ा जा सकता है।उनके विचार आज भी प्रासंगिक है।

बाबा भीम राव अंबेडकर की जयंती पर क्या होता है?

डॉक्टर भीम राव के जन्मदिन पर देश भर में स्थिति उनकी प्रतिमाओं, स्मारकों पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। स्कूल-कॉलेज में उनकी जिंदगी के हर पहलू को बताने के लिए सेमिनार, व्याख्यान समेत अलग-अलग तरह के इवेंट का आयोजन किया जाता है। तो चलिए हम इस मौके पर उनके 13 विचारों के बारे में बताते हैं। जिसे आप खुद भी पढ़ सकते हैं और अपने चाहनेवालों को भी भेज सकते हैं।

डॉ भीम राव अंबेडकर जंयती पर उनके 13 अनमोल विचार 

1. हम सबसे पहले और अंत में भी भारतीय हैं। मैं उस धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए।

2.भाग्य में विश्वास रखने की बजाए अपनी शक्ति और कर्म में विश्वास रखना चाहिए।

3.बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।

4.जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते हैं, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है , वो आपके किसी काम की नहीं है।

5. उदासीनता एक ऐसे किस्म की बीमारी है जो किसी को प्रभावित कर सकती है।

6.जीवन लंबा होने की बजाए महान होना चाहिए।

7. सुरक्षित सरहद से कहीं बेहतर होती है सुरक्षित सेना

8.न्याय दरअसल स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे का ही दूसरा नाम है।

9.यदि मुझे लगेगा कि संविधान का दुरुपयोग हो रहा है तो सबसे पहले मैं इस संविधान को जलाऊंगा।

10.जो कौम अपना इतिहास तक नहीं जानती है, वे कौम कभी अपना इतिहास भी नहीं बना सकती है।

11.पति-पत्नी के बीच का संबंध घनिष्ठ मित्रों के संबंध के समान होना चाहिए।

12.महान प्रयासों को छोड़कर इस दुनिया में कुछ भी बहुमूल्‍य नहीं है।

13.समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत रूप में स्वीकार करना होगा।

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