
मानसून आते ही घर की नमी बढ़ जाती है। ऐसे में सबसे आम समस्या होती है साबुन का गलना। बारिश के मौसम में अक्सर आपने देखा होगा कि नया साबुन भी कुछ ही दिनों में मुलायम होकर पिघलने लगता है और वो तेजी से खत्म हो जाता है। न सिर्फ ये खराब दिखता है, बल्कि इससे जेब पर भी असर पड़ता है, क्योंकि हर हफ्ते नया साबुन लाना किसी को भी भारी पड़ सकता है।लेकिन अगर आप कुछ स्मार्ट ट्रिक्स अपनाएं, तो आपका साबुन दोगुनी उम्र तक टिक सकता है, चाहे मानसून कितना भी भारी हो!
मानसून में सबसे जरूरी है कि साबुन हमेशा सूखी जगह पर रहे। साबुन रखने वाली डिश या ट्रे में अगर पानी जमा हो रहा है, तो वो साबुन को गलाने का सबसे बड़ा कारण बनता है। साबुन रखने के लिए ऐसी डिश यूज करें जिसमें छेद (holes) हों या जो पानी को बाहर निकाल दे।
कई लोग पुराने साबुन के साथ नया साबुन चिपका देते हैं ये सबसे बड़ी गलती है! जब दो अलग-अलग साबुन आपस में जुड़ते हैं, तो उनमें नमी ज्यादा बनी रहती है और वे जल्दी गल जाते हैं। एक बार में सिर्फ एक ही साबुन यूज करें।
नहाने या हाथ धोने के बाद गीले साबुन को तुरंत सूखने दें। यदि उसे गीला छोड़ दिया जाए तो उसका टेक्सचर बिगड़ता है और वह चिपचिपा हो जाता है। एक अच्छा उपाय यह है कि आप साबुन को साफ सूती कपड़े से पोंछकर रखें।
पूरा साबुन एक साथ यूज़ करने के बजाय आप उसे दो टुकड़ों में काटकर बारी-बारी से यूज़ कर सकते हैं। इससे न सिर्फ साबुन की लाइफ बढ़ती है बल्कि गलने की संभावना भी कम होती है।
बाथरूम की नमी में साबुन रातभर गलता रहता है, भले ही आपने उसका इस्तेमाल नहीं किया हो। इसीलिए, नहाने के बाद साबुन को बाथरूम से बाहर सूखी जगह में रखें। सुबह फिर से लेकर जाएं।
ये ट्रिक सुनने में अजीब लग सकती है, लेकिन साबुन को कुछ घंटों के लिए फ्रिज में रखने से उसकी क्वालिटी और कंसिस्टेंसी मजबूत होती है। खासकर नया साबुन इस्तेमाल करने से पहले आप उसे 2-3 घंटे फ्रीज कर सकते हैं।
प्लास्टिक की डिश की जगह लकड़ी या पत्थर से बनी साबुन ट्रे इस्तेमाल करें। ये नमी को सोख लेती हैं और साबुन सूखा रहता है।