Winter Travel Guide Kashmir: कश्मीर के छिपे हुए बर्फबारी स्थल जैसे गुरेज घाटी, यूसमर्ग, कर्णाह, और टंगमर्ग में बर्फीली वादियों का आनंद लें। भीड़ से दूर, इन खूबसूरत स्थलों की सर्दियों की यात्रा के लिए नवंबर से जनवरी तक का समय सबसे उपयुक्त है।
ट्रैवल डेस्क। नवबंर की शुरुआत के साथ भारत में ठंड के मौसम भी आ गया है। कई उत्तर भारत में पारा गिर रहा है, तो दक्षिण भारत में मानसून विदा ले रहा है लेकिन इसी बीच खुशखबरी पहाड़ी इलाकों से आ रही है। दरअसल, कश्मीर-हिमाचल प्रदेश सहित कई इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल रही है। स्नोफॉल देखने के लिए टूरिस्टों की भीड़ उमड़ रही है। ऐसे में आप भी बर्फबारी का मजा उठाना चाह रहे हैं तो इस बार जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) घूम आये। सोनमर्ग-गुलमर्ग और श्रीनगर के अलावा हम आपको उन डेस्टिनेशन से रुबरू कराएंगे। जहां आप बर्फबारी का मजा बिना भीड़भाड़ के ले सकते हैं।
2,400 मीटर की ऊँचाई पर स्थित गुरेज घाटी कश्मीर का खूबसूरत स्थान है। जहां से पहाड़ों को निहारने का मजा ही अलग है। यहां पर जमी हुई झीलें, घने जंगल इसकी खूबसूरती ओर बढ़ा देते हैं। वाइल्ड लाइफ में दिलचस्पी रखते हैं तो गुरेज घाटी में हिमालयी भूरे भालू और हिम तेंदुआ जैसे दुर्लभ जीव भी देख सकते हैं। यहां पर घूमने का सबसे सही वक्त अप्रैल से नवंबर माना जाता है। सर्दियों में यहां का तापमान -10 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे यह सड़क मार्ग बंद हो जाता है। जबकि गुरेज घाटी का निकटतम हवाई अड्डा श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है जो जो 133 किमी दूर है।
आपने सोनमर्ग-गुलमर्ग के बारे में खूब सुना होगा। इसी तरह कश्मीर का हिडेन जेम यूमर्ग भी है। इसे दूधगंगा के नाम से भी जाना जाता है। यहां पर जंगली घोड़ों की सवारी के साथ घाटी एक्सप्लोर कर सकते हैं। यबां पर स्थित एक नदी ऐसी भी है जो अपने दूध जैसे पानी के लिए जानी जाती है। यहां पर ट्रैकिंग के कई रास्ते हैं। अगर कैंपिंग पसंद हैं तो ये जगह परफेक्ट है। यूसमर्ग यात्रा का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और फिर दिसंबर है।
कुपवाड़ा जिले का कर्णाह एक खूबसूरत जगह है, जो अपनी नेचुरल ब्यूटी, बर्फ से ढके पर्वतों और हरे-भरे वादियों के लिए जाना जाता है। यहां की आबादी मुख्य रूप से पहाड़ी समुदाय की है। यहां नवबंर के महीने में मौसम सुहावना रहता है लेकिन दिसबंर से जनवरी तक तापमान -12 डिग्री के नीचे रहता है। भारी बर्फबारी से सड़के बंद रहती है। अगर नवंबर में स्नोफॉल का मजा उठाना है तो यहां आ सकते हैं।
चटपाल उन लोगों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन हैं जो शांति पसंद करते हैं। यहां पर आपको भीड़ न के बराबर मिलेगा। वैसे तो यहां कोई स्पेशल टूरिस्ट प्लेस नहीं है लेकिन पत्थरों से होकर बहता साफ पानी, बर्फ से ढके पहाड़ और देवदार की पेड़ों की खूबसूरती आपको यहां आने पर मजबूर कर देगी। यहां पर बड़े पैमाने पर सेब और अखरोट की खेती की जाती हैं। चटपाल घूमने के लिए अप्रैल- दिसंबर का समय सबसे अच्छा है।
टंगमर्ग के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। ये जगह कश्मीर के बारामुल जिले में स्थित है। यहां पर आना बिल्कुल भी कठिन है। यहीं से आप श्रीनगर और गुलमर्ग जा सकते हैं। टंगमर्ग में अन्य जगहों के मुकाबले भीड़ कम रहती है। आप देवदार-पील के जंगलों के बीच बर्फ से ढकी पहाड़ियों को निहार सकते हैं। यहां पर घूमने के लिए बाबा रेशी की ज़ियारत, फेरोजपुर नल्लाह जैसे कई टूरिस्ट स्पॉट है। टंगमर्ग श्रीनगर से लगभग 40 किलोमीटर दूर है। यहां पर बस-टैक्सी करके पहुंच सकते हैं।
डूधपठरी को "दूध की घाटी" के नाम से जाना जाता है। बडगाम जिले में स्थित ये बहुत खूबसूरत है। श्रीनगर से ये लगभग 42 किलोमीटर दूर है। मान्यता है कि एक संत की आशीर्वाद से यहां से दूध बहने लगा था। 8957 फीट की ऊँचाई पर स्थित दूधपथरी में घाटियाों,घास के मैदान के साथ कई वॉटरफॉल्स स्थित है। कहते हैं दूधपथरी की सुबह स्वर्ग से कम नहीं है। आप झरने की आवाज के बीज पहाड़ पर पड़ती सूर्य की किरणों को निहार सकते हैं।
कुलगाम जिले में स्थित अहरबल वॉटरफॉल को कश्मीर का नियाग्रा वॉटरफॉल कहा जाता है। पहाड़ी पर स्थित ये झरना 30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है और वेशाव नदी का निर्माण करता है। यहां तक पहुंचने के आप श्रीनगर से सड़क मार्ग होना है। आहरबल के पास काउसार नाग झील जैसी कई और खूबसूरत डेस्टिनेशन हैं। जहां पर ट्रैकिंग के अन्य एक्टिविटीज का मजा उठा सकते हैं।
लोलेब घाटी कश्मीर का एक छिपा हुआ खजाना है। हिमालय की पहाड़ियों के बीच ये वैली सेब के बगानों के लिए जानी जाती है। अगर पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना चाहते हैं तो लोलेब वैली आ सकते हैं। वैसे तो मई से अक्टूबर तक इस घाटी की खूबूसरती अपने चरम पर होती है,हालांकि अगर आप बर्फबारी देखना चाहते हैं तो नवंबर महीने में यहां की ट्रिप प्लान करें। लोलेब श्रीनगर से सड़क मार्ग से पहुंची जा सकता है और श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां से 114 किलोमीटर दूर है। यह जगह टैक्सी और बसों द्वारा भी अच्छी तरह से जुड़ी हुई है। यहाां के कलेरूस गुफाएँ, सुंदर चांदिगम गांव और सातबरन से दिखाई देने वाले नजारे ट्रिप को यादगार बना देंगे।
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