
Buttermilk for Plants Benefits: इंस्टाग्राम में बहुत सारे गार्डनिंग के शौकिन आजकल एक रील शेयर कर रहे हैं, जिसमें वे अपने पौधों में छाछ डालते हुए दिख रहे हैं। क्या आपको पता है कि पौधों में छाछ डालने से क्या होता है, किस पौधे में छाछ डालना चाहिए और किस पौधे में छाछ भूलकर भी नहीं डालना चाहिए? अगर नहीं तो आज के इस लेख में हम आपको इस बारे में विस्तार से बताएंगे, कि पौधे में छाछ कब, कैसे, क्यों डालना चाहिए और इससे जुड़ी और भी बहुत सी बातें विस्तार से जो रील विडियो में नहीं बताया जाता है।
छाछ में लैक्टिक एसिड, कैल्शियम और कई माइक्रो न्यूट्रिशन तत्व मौजूद होते हैं, जो पौधों की मिट्टी की सेहत सुधारने और पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। यह मिट्टी में मौजूद फफूंद और कीड़ों को भी खत्म करता है, जिससे पौधे लंबे समय तक हरे-भरे और स्वस्थ रहते हैं। खासकर फूल और पत्तियों वाले पौधों के लिए छाछ एक तरह का बायो-फर्टिलाइजर की तरह काम करता है।
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अगर आप छाछ को पानी के साथ मिलाकर पौधों की जड़ों में डालते हैं तो यह पौधों को ताकत देता है और उनमें तेजी से नई पत्तियां और फूल आने लगते हैं। कई माली छाछ का छिड़काव पत्तियों पर भी करते हैं क्योंकि यह एफिड्स और माइट्स जैसे कीटों को दूर करने में मदद करता है। साथ ही, छाछ में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं।
फूलदार पौधे जैसे गुलाब, गेंदा, गुड़हल और सजावटी पौधे छाछ डालने से फूल, पत्ते और फल तेजी से आते हैं। सब्जी वाले पौधों जैसे टमाटर, मिर्च और भिंडी पर भी इसका अच्छा असर देखा गया है। इन पौधों में छाछ डालने से न केवल उनकी ग्रोथ बेहतर होती है बल्कि उनमें मौजूद कीट, फफूंदी और बैक्टीरिया दूर होते हैं।
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हर पौधे को छाछ सूट नहीं करता। मनी प्लांट, कैक्टस और सुकुलेंट जैसे पौधे छाछ को अच्छी तरह से एब्जॉर्ब नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें अधिक नमी या एसिड वैल्यू नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे पौधों में छाछ डालने से जड़ें गल सकती हैं और पौधे सूख सकते हैं।
छाछ को हमेशा पानी में मिलाकर ही इस्तेमाल करना चाहिए। सामान्य तौर पर 1 भाग छाछ और 3 भाग पानी का घोल बनाकर महीने में एक या दो बार पौधों में डालना चाहिए। सीधे गाढ़ा छाछ डालने से मिट्टी में एसिड वैल्यू बढ़ सकती है और पौधों की जड़ें जल सकती हैं, क्योंकि छाछ खट्टा होता है।