
अक्सर हम बचपन से ही हिंदी के सिंपल शब्दों के अर्थ और पर्यायवाची सीखते आए हैं जैसे घर- निवास या पानी- जल। लेकिन भाषा का असली खजाना तो उन शब्दों में छुपा है, जिन्हें हम रोज सुनते तो हैं, मगर उनके पर्यायवाची (Synonyms) या सही अर्थ नहीं जानते। आज हम ऐसे ही 6 दिलचस्प शब्द लेकर आए हैं जैसे कबूतर, चकोर, टाउन हॉल, विद्यालय, पुस्तकालय और पुलिस स्टेशन। इनके नॉर्मल अर्थ तो सब जानते हैं, लेकिन इनके पर्यायवाची क्या आप जानते हैं?
नॉर्मल अर्थ में छतों-बालकनियों पर रहने वाला एक सफेद/धूसर पक्षी है। लेकिन इसके भी कई पर्यायवाची हैं। कबूतर को कपोत, परेवा, पारावत, रक्तलोचन, हारिल और धूम्रलोचन कहा जाता है। हिंदी साहित्य में, विशेषकर काव्य में, इन शब्दों का काफी उपयोग मिलता है।
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इसका मतलब एक पक्षी जो चंद्रमा को देखकर पागल-सा होता है। इसके पर्यायवाची चल्चंचु, सुलोचन, रक्तनयन और विषचक्र हैं। चकोर को चन्द्रक इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे चंद्रमा का प्रेमी माना गया है।
सामान्य अर्थ में सार्वजनिक सभा का भवन या नगर निगम से जुड़ा मीटिंग लोकेशन है। इसके हिंदी पर्यायवाची - नगरपालिका भवन, नगर भवन, सिटी हॉल, सामुदायिक केंद्र और नगर सरकार हैं। यह जगह शहर से जुड़े कार्यक्रमों, मीटिंग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए होती है।
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सामान्य अर्थ वो जगह जहां पढ़ाई होती है उसे स्कूल कहते हैं। इसके पर्यायवाची- शाला, गुरुकुल, विद्यालय, पाठशाला और शिक्षालय हैं। शाला तो काफी लोग जानते हैं, लेकिन गुरुकुल भी इसका वैदिक पर्याय माना जाता है।
सामान्य अर्थ में इसका मतलब किताबों का संग्रह करने वाली लाइब्रेरी से है। इसका पर्यायवाची- ग्रंथालय, ग्रंथागार, पुस्तकागार और वाचनालय हैं। वाचनालय में किताबें वहीं पढ़नी होती हैं, घर ले जाने की अनुमति नहीं होती।
सामान्य अर्थ में पुलिस का थाना। इसके हिंदी पर्यायवाची - पुलिस चौकी, कोतवाली और थाना भवन हैं। कोतवाली शब्द का प्रयोग पुराने समय में ज्यादा होता था, लेकिन आज भी कस्बों में सुनने को मिलता है।