Facekini Fashion Trend: अब फेसकिनी का ये नया फैशन खूब सुर्खियों में हैं और चीन में जमकर फॉलो किया जा रहा है। जिसे देखो वही महिला अब आपको बिकिनी और मोनोकिनी छोड़कर फेसकिनी पहने नजर आएगी।
आपके बिकिनी और मोनोकिनी के बारे में तो सुना भी होगा और इसे ट्राई भी किया होगा। लेकिन क्या आपने फेसकिनी के बारे में सुना है। जी हां, अब फेसकिनी का ये नया फैशन खूब सुर्खियों में हैं और चीन में जमकर फॉलो किया जा रहा है। जिसे देखो वही महिला अब आपको बिकिनी और मोनोकिनी छोड़कर फेसकिनी पहने नजर आएगी। दरअसल चीन में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी के बीच, आंखों और नाक के लिए छेद वाले फेसकिनी या फुल फेस मास्क की मांग बढ़ रही है। द गार्जियन के अनुसार, पॉलिएस्टर जैसे हल्के, सिंथेटिक फैब्रिक मास्क की बिक्री इस गर्मी में नेक्स्ट स्तर पर पहुंच गई है। लोग खुद को सनबर्न से बचाने और पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से होने वाले स्किन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए फेसकिनी पहनने का विकल्प चुन रहे हैं।
चीन में बड़ी संख्या में हो रही फेसकिनी की बिक्री
आपको जानकर हैरानी होगी कि चीन के कुछ क्षेत्रों में तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ने के कारण, निवासी और पर्यटक दोनों ही चिलचिलाती गर्मी से खुद को बचाने के लिए इस तरह के उपाय कर रहे हैं। वे पोर्टेबल पंखे ले जा रहे हैं और लू से बचने के लिए कई तरह के कपड़ों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में फर वाली टोपियों का ट्रेंड भी खूब जोरों पर है। चीन के एक लोकल विक्रेता ने बताया कि इस साल फेसकिनी की बिक्री पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जो देश में सूरज की सुरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता और महत्व को दर्शाती है।
किस लिए पहनी जा रहीं फेसकिनी?
पूर्वी एशिया में कई महिलाएं गोरी त्वचा को पसंद करती है। ऐसे में अपनी त्वचा को सूरज के हानिकारक प्रभावों से बचाने के बारे में विशेष रूप से चिंतित हैं। यह प्रवृत्ति दक्षिण कोरिया जैसे पड़ोसी देशों तक फैली हुई है, जहां धूप से सुरक्षा उत्पादों की भी अत्यधिक मांग है। ली जुयान नाम की एक 17 वर्षीय छात्रा ने त्वचा रोगों और सनस्पॉट के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की, जिसके कारण उसे और उसकी मां को बीजिंग में टूरिस्ट प्लेस का दौरा करते समय ऐसे मुखौटे पहनने पड़े जो उनके चेहरे के अधिकांश हिस्से को ढंक देते हैं।
इस भीषण गर्मी के दौरान चीन में लोगों के लिए फेसकिनी और धूप से बचाव के अन्य उपाय आवश्यक वस्तु बन गए हैं, क्योंकि वे चिलचिलाती धूप से अपने स्वास्थ्य और त्वचा की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।
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