
गणेश चतुर्थी का त्योहार हर साल भक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। लोग घर में गणपति बप्पा को विराजमान करते हैं और उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। आजकल इको-फ्रेंडली गणपति की परंपरा तेजी से बढ़ रही है। बाजार से खरीदने की बजाय अगर आप घर पर मिट्टी से गणपति बनाएं तो यह न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है बल्कि इसमें आपकी आस्था और प्यार भी झलकता है। अगर आपके मन में सवाल है कि घर पर मिट्टी से गणपति कैसे बनाएं? तो यहां हम बता रहे हैं 5 आसान स्टेप, जिन्हें फॉलो करके आप बिना ज्यादा मेहनत के अपने घर के लिए सुंदर और नैचुरल गणपति बना सकते हैं।
गणपति बनाने के लिए ज्यादा सामान की जरूरत नहीं होती है। शुद्ध प्राकृतिक मिट्टी (बिना केमिकल वाली) चुनें और एक छोटी बाल्टी में पानी लें। इसके अलावा लकड़ी या स्टील की स्टिक (शेप देने के लिए), ब्रश और हल्का रंग (नेचुरल कलर, जैसे हल्दी, चंदन या फूलों का रंग) और एक साफ प्लेट या पट्टा जिस पर मूर्ति बनाई जाएगी। ध्यान रखें कि केमिकल वाले रंग या प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) का उपयोग न करें।
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सबसे पहले मिट्टी को पानी में भिगोकर गूंथ लें। इसे आटे की तरह मुलायम बनाएं ताकि दरारें न पड़ें। अगर मिट्टी ज्यादा गीली हो जाए तो थोड़ा सूखा मिट्टी पाउडर मिलाकर ठीक करें। अच्छी तरह गूंथी गई मिट्टी ही मूर्ति बनाने के लिए परफेक्ट बेस देती है।
एक गोल बॉल बनाकर उसका बेस (आसन) तैयार करें। अब एक बड़ी मिट्टी की बॉल बनाकर गणपति जी का शरीर (धड़) बनाएं। उसके ऊपर सिर के लिए एक छोटी बॉल लगाएं। धीरे-धीरे हाथ, पैर और सूंड की शेप दें। कान चौड़े और अर्धचंद्राकार बनाएं, क्योंकि गणपति के कान हाथी जैसे होते हैं।
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लकड़ी की स्टिक या पेन कैप से आंख, भौंह और होंठ बनाएं। सूंड को दाईं या बाईं ओर मोड़ें (आपकी पारिवारिक परंपरा अनुसार)। पेट थोड़ा गोलाकार रखें, जो गणपति जी की पहचान है। चाहें तो एक छोटी मिट्टी की बॉल बनाकर मोदक भी हाथ में रख सकते हैं।
मूर्ति को हल्के हाथ से ब्रश से साफ करें ताकि दरारें न रहें। चाहें तो हल्दी, चंदन या फूलों से बने नेचुरल रंग से हल्का रंग कर सकते हैं। मूर्ति को कम से कम 1 दिन सूखने दें ताकि यह सॉलिड हो जाए। जब मूर्ति तैयार हो जाए तो इसे पट्टे पर रखकर सजावट करें और गणेश चतुर्थी पर स्थापित करें। मूर्ति का साइज छोटा और कॉम्पैक्ट रखें ताकि विसर्जन आसान हो।