
Plant Care Tips: प्लांटिंग का शौक रखने वाले अपने घर, बालकनी या लॉन में खूबसूरत पौधे लगाते हैं। लेकिन कई बार ये पौधे कुछ ही दिनों में सूख जाते हैं या अचानक मुरझा जाते हैं। ऐसा अक्सर इसलिए होता है क्योंकि हम उन्हें सही तरीके से नहीं पाल पाते। पोलहिल गार्डन सेंटर के हॉर्टिकल्चरल स्पेशलिस्ट जोश नोवेल (Josh Novell) ने गार्डनिंग के कुछ आसान और कारगर टिप्स दिए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने पौधों को लंबे समय तक हरा-भरा और स्वस्थ रख सकते हैं।
बरसात के मौसम में ज्यादातर लोग मानते हैं कि बारिश का पानी पौधों के लिए फायदेमंद होता है, लेकिन इस मौसम में गमलों और कंटेनर में लगे पौधे हमेशा सुरक्षित नहीं होती। गलत देखभाल से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं और पूरा पौधा नष्ट हो सकता है। द मिरर से बातचीत में जोश नोवेल ने बताया कि अगर गमले सीधे जमीन पर रखे हों और बारिश का पानी ज्यादा देर तक उसमें ठहर जाए, तो पौधों की जड़ें ऑक्सीजन से वंचित हो जाती हैं। जड़ों तक पोषण नहीं पहुंच पाता। इसके साथ ही फंगल बीमारियों जैसे रूट रॉट, पाउडरी मिल्ड्यू और लीफ स्पॉट का खतरा बढ़ जाता है। इससे पौधे खराब हो जाते हैं।
जोश नोवेल ने बताया कि बारिश से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि गमलों को ऊंचाई पर रखें। इसके लिए ईंट, पत्थर या फिर स्टैंड के ऊपर गमला रखें। जमीन से कम से कम 2-3 इंच गमला ऊंचा रखें।
गमले को वहां बिल्कुल ना रखें, जहां पर पानी जमा होता हो। इसके अलावा गमले के ड्रेनेज होल की जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि प्लांट लगाने से पहले गमलों के छेद खुले हो, ताकि अतिरिक्त पानी बाहर निकल सके। अगर प्लांट संवेदनशील हो तो इसे शेड या छतरी के नीचे रखें। इसके अलावा मिट्टी पर मुल्च बिछाकर मिट्टी को बहुत ज्यादा कड़ी और सख्त होने से बचाया जा सकता है।
अगर आपके गार्डन में बड़े और ऊंचे पौधे हैं, तो उन्हें स्टेक या सपोर्ट दें ताकि तेज हवा या बारिश में वे गिर न जाएं।
बहुत से माली पौधों को ढककर सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन गलत फैब्रिक से पौधे और ज्यादा बीमार हो सकते हैं। गैर-सांस लेने वाले कवर (non-breathable covers) नमी फंसा लेते हैं, जिससे फंगस पनपने लगता है। इसलिए ग्रीन सांस लेने वाले कवर का यूज करें। अगर प्लांट ज्यादा मजबूत है, तो बिना ढके छोड़ दें।
और पढ़ें: बाजार जानें से बचेंगे आप, जानें घर पर उगाई जाने वाली 9 सब्जियों के बारे में
बारिश थमने के बाद पौधों की जड़ों की जांच जरूरी है। अगर गमले में पानी भर गया है, तो उसे निकाल दें।
ज्यादा पानी देना, कम पानी देना, या ड्रेनेज की समस्या आम वजहें होती हैं।
गमलों को ऊंचाई पर रखें, ड्रेनेज चेक करें और संवेदनशील पौधों को शेड में रखें।
मिट्टी में पानी रुके नहीं, मल्चिंग करें और जरूरत पड़ने पर सांस लेने वाले कवर का इस्तेमाल करें। फर्टिलाइजर और कीटनाशक का यूज करें।
इसे भी पढ़ें: Plant Seeds: खिल उठेगी बालकनी ! 90% तक की छूट पर खरीदें फल,फूल और सब्जियों के बीज