
Vasubaras Rangoli Design: दीवाली का त्योहार आने वाला है। इस साल धनतेरस 18 अक्तूबर तो दीपावली 20 तारीख को मनाई जाएगी। हालांकि, भारत में अलग-अलग राज्यों के हिसाब से विभिन्न परंपराएं हैं। महाराष्ट्र और गुजरात में दीपोत्सव से पहले वसुबारस मनाया जाता है। इस दिन खासतौर पर गाय और बछड़े की पूजा की जाती है। कई जगहों पर ये गोवत्स द्वादशी कहा जाता है। इस दिन रंगोली बनाने का खास महत्व है। आप भी रोशनी के त्योहार में थोड़ी यूनीकनेस जोड़ते हुए इस तरह की सुंदर रंगोली बना सकते हैं।
घर के आंगन या मुख्य दरवाजे पर इस तरह की राउंड फूल वाली रंगोली बहुत प्यारी लगेगी। यहां बीच में छोटा सा गोला बनाते हुए वसुबारस का प्रतीक गाय बनाई गई है। इसके बाद किनारों को तीन अलग-अलग गोलों से कवर किया है। आप भी लाल-पीले और नीले रंग से इसे बना सकते हैं। ये वसु बार के अलावा दिवाली पर भी अच्छी लगेगी।
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अगर आप ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहते हैं तो सिंपल ढंग से भी अच्छी रंगोली बनाई जा सकती है। यहां चोकौर खाने में गाय और बछड़े का चित्र बनाते हुए उसे फ्रेम का आकार दिया गया है। जबकि रंगोली को खूबसूरत दिखाने के लिए हरी पत्तियों और लाल फूल लगा है, जोकि बहुत सुंदर लग रहा है। आप भी इसे ट्राई करें।
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रंगोली बनाने के लिए घंटो का वक्त नहीं है तो स्मार्ट तरीका अपनाते हुए पीतल या गोल्डन कलर के गोल बर्तन के सतह पर आप गोल आकार में काले रंग के साथ गाय और बछड़े का चित्र बनाएं। अगर ये बनाना नहीं चाहते हैं तो स्टीकर का यूज करें। अब किनारे पर काला रंग डालें और इसे फूलों से सजा दें। साइड में लाल रंगोली से वसुबारस लिखकर दीये सजाएं।
गुजरात और महाराष्ट्र में वसुबारस मनाया जाता है, जहां दिवाली से पहले गाय और बछड़े की पूजा होती है। इसे एक तरह से दिवाली का आगाज माना जाता है।
वसुबारस में मुख्यतौर पर गाय और बछड़े की पूजा की जाती है।
हां दिवाली की शुरुआत का प्रतीक मानते हुए इस मनाया जाता है।