वास्तु शास्त्र में हर छोटे से लेकर बड़े वस्तु के वास्तु और दिशा का खास महत्व है कि उसे कहां रखना लाभदायक और शुभ फलदायी होगा। व्यापार और पैसे के लेन-देन के अनुसार सही दिशा और व्यवस्थाओं को समझने के लिए वास्तु शास्त्र में दिशा का महत्व बहुत अधिक है। व्यापारी अपनी सीट और लॉकर को वास्तु के अनुसार व्यवस्थित करके लाभ कमा सकते हैं। वास्तु के इन सुझावों का पालन करने से व्यापार में तरक्की और धन-संपत्ति में वृद्धि होगी।
सीट और लॉकर: अगर आपका व्यापार नकदी लेन-देन पर आधारित है, तो आपकी सीट और लॉकर उत्तर दिशा (कुबेर की दिशा) या अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) में होना चाहिए।
लाभ:
लॉकर की दिशा:
ऐसे व्यापार जिनमें नकद लेन-देन कम होता है और मुख्य रूप से चेक्स या अकाउंटिंग का कार्य होता है, उनके लिए पश्चिम दिशा में लॉकर रखना शुभ माना गया है।
लाभ:
पश्चिम दिशा में लॉकर रखने से स्थायित्व और संतुलन बनता है। यह दिशा व्यवसाय में निरंतरता और विश्वसनीयता बनाए रखने में मदद करती है।
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सीट की दिशा:
यदि आपका व्यापार प्रॉपर्टी से जुड़ा है या हार्ड कैश में बड़े लेन-देन होते हैं, तो आपको दक्षिण-पश्चिम दिशा में बैठना चाहिए।
लाभ:
दक्षिण-पश्चिम दिशा स्थिरता और सुरक्षा की दिशा है। यह बड़ी राशि के लेन-देन को सुरक्षित रखती है और व्यवसाय में स्थिरता बनाए रखती है।
पश्चिम दिशा:
व्यापार में अधिक मुनाफा कमाने के लिए पश्चिम दिशा शुभ होती है। यह दिशा लाभ और समृद्धि के लिए अनुकूल मानी जाती है।
उपाय:
आप अपनी दुकान या कार्यालय की पश्चिम दिशा में प्रमुख सामान या नकदी रखें।
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