वास्तु के अनुसार, रसोई में सिलबट्टा और पत्थर के बर्तन दक्षिण-पूर्व दिशा में रखने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। गलत दिशा में रखने से धन हानि और नकारात्मकता आ सकती है। साफ-सफाई भी जरूरी है।
वास्तु शास्त्र में किचन का सही प्रबंधन घर में सुख-समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सिलबट्टा और पत्थर के बर्तनों का भार अधिक होता है, इसलिए सिलबट्टा और पत्थर के बर्तनों को सही दिशा में रखना आवश्यक है ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। आइए विस्तार से जानते हैं कि किचन में इन्हें कहां और कैसे रखना चाहिए। सिलबट्टा और पत्थर के बर्तनों को किचन के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा है।
किचन का यह क्षेत्र अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। सिलबट्टा और पत्थर के बर्तन, जो पारंपरिक रूप से खाना बनाने और मसाले पीसने के लिए उपयोग होते हैं, तो इसे इस दिशा में रखना शुभ माना जाता है। यह भोजन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
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दक्षिण-पश्चिम दिशा: यह दिशा स्थिरता और मजबूती की प्रतीक है, लेकिन यहां सिलबट्टा या पत्थर के बर्तन रखने से घर में तनाव और झगड़े हो सकते हैं।
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