
लाइफस्टाइल डेस्क। बच्चे पैदा होने से उन्हें पालने तक अभी भी घरों में दादी-नानी के नुस्खे अपनाएं जाते हैं। कब क्या खिलाना, कब क्या करना यहां तक कौन सी चीजें नहीं करनी है। इन सबके के बारे में भी बताया जाता है। जब बात नवजात शिशुओं की आती है तो घरवाले ज्यादा सावधानी बरतते हैं। आपने भी कई बार घरों में बड़े-बुजुर्गों को कहते हुए सुना होगा, रात में बच्चों के कपड़े बाहर मत फैलाओं। बच्चों से जुड़ी कोई भी चीजें खुले में मत छोड़े। ऐसे कई बात अक्सर मां-बाप से कहीं जाती हैं, लेकिन क्या कभी सोचने की कोशिश की है, आखिर इसके पीछे का कारण क्या है? तो चलिए आखिर जानते हैं आखिर शाम को बच्चों के कपड़े धोने या फिर फैलाने से क्यों मना किया जाता है।
हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र की बड़ी मान्यता है। घर बनवाने से लेकर सामान रखने तक लोग वास्तु शास्त्र मानते हैं। वहीं, बच्चों के कपड़े बाहर सुखाने के लिए वास्तु शास्त्र में कहा गया है, ऐसा करने से निगेटिव एनर्जी का संचार होता है। रात के वक्त नकारात्मक चरम पर होती है। कहा जाता है, ऐसा करने से घर में अप्रिय घटना भी हो सकती है। इसलिए दादी-नानी बच्चों के कपड़े रात में धोने और उन्हें बाहर फैलाने से मना करती हैं।
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इससे इतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण की मानें तो नमी के कारण कपड़ों में बैक्टरियां पनपते हैं जो बच्चों के शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। गीले कपड़े में बैक्टिरिया जल्द एक्टिव होते हैं और कुछ मिनटों में इसे अपना घर बना लेते हैं। अगर आप इसे बच्चे को पहनाते हैं तो उसे एलर्जी या फिर रशेज की समस्या हो सकती है। इसलिए बच्चों के कपड़े रात में धोने और सुखाने से परहेज करना चाहिए।
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बच्चों के कपड़े बाहर न सुखाने को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं। कहा जाता है, बच्चों के शरीर से निकलने वाली खुशबू पक्षियों को आकर्षित करती है, ऐसे में वह अक्सर बच्चों के कपड़े उठा ले जाते हैं। यदि ऐसा होता है तो बच्चों पर इसका बुरा असर पड़ता है। इसलिए सदियों से बच्चों के कपड़े बाहर न सुखाने की परंपरा चला रही है।
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