
Children Sleep Mistakes Parents Make: बच्चों को सुलाना वैसे तो आसान काम नहीं होता है। लेकिन उन्हें सुलाते वक्त माता-पिता कुछ ऐसी गलती कर बैठते हैं जो ना सिर्फ उनके लिए परेशानी की सबब बन जाती है, बल्कि बच्चे के नेचर में भी बड़ा बदलाव आ सकता है। यहां पर हम उन गलतियों पर प्रकाश डालेंगे जो आमतौर पर हर पैरेंट्स करते हैं। जिसे वक्त रहते हम सुधार सकते हैं।
1.बच्चों को साथ सुलाना
अगर आप अपने बच्चे की इच्छाओं के आगे झुक जाते हैं और उसके सोने तक उसके साथ रहते हैं, तो आप अनजाने में उसे सोने के लिए आपकी मौजूदगी पर निर्भर रहना सिखा रहे हैं। छोटे बच्चे को साथ सुलाते वक्त एक मधुर बंधन बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे एक थकाऊ रात की रस्म में बदल जाता है जो घंटों तक चल सकती है। आपके बच्चे को आपकी बाहों में या आपके साथ कमरे में सोने की आदत पड़ जाती है, जिसे छोड़ना मुश्किल हो सकता है। इसलिए बच्चे को खुद से अलग सिखाएं। वो धीरे-धीरे सोना सीख जाएंगे। अगर वो आधी रात में जाग जाएं और आपको गायब भी पाएंगे तो विचलित नहीं होंगे।
2.शाम के वक्त स्क्रीन टाइम देना
अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के एक रिसर्च में पाया गया है कि जेनरेशन Z के 93% लोगों की नींद इसलिए चली गई क्योंकि वे सोशल मीडिया देखने या उसमें शामिल होने के लिए अपने सोने के समय से ज्यादा देर तक जागते रहे। लेकिन यह सिर्फ किशोरों की ही बात नहीं है यह गलती सभी आयु वर्ग के परिवारों को प्रभावित करती है। सोते समय एक घंटे स्क्रीन टाइम बिताने से अनिद्रा का खतरा 59% बढ़ जाता है और नींद के 24 मिनट कम हो जाते हैं। डिवाइस या टीवी से निकलने वाली नीली रोशनी हमारे दिमाग को यह सोचने पर मजबूर कर देती है कि अभी दिन है, जिससे मेलाटोनिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है।इसलिए बच्चे या खुद भी रात में मोबाइल या टीवी से खुद को दूर कर दें।
3.सोने की दिनचर्या में असंगति
अगर आपके बच्चे की सोने की दिनचर्या हर दिन अलग-अलग होती है तो इसे सुधारना बहुत जरूरी है। जिन बच्चों के सोने का समय हर रात बदलता रहता है, वे अपने व्यवहार और भावनाओं को ठीक से नियंत्रित नहीं कर पाते। इसलिए बच्चे के सोने का टाइम हर रोज अलग-अलग ना करें। 9 बजे तक बच्चे सो जाएं ये सुनिश्चित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है।
4. सोने की दिनचर्या बहुत देर से शुरू करना
अक्सर माता-पिता सोने की दिनचर्या बहुत देर से शुरू करते हैं, यह सोचकर कि बच्चे को देर तक जगाने से वह ज्यादा थकेगा। लेकिन इसके उलट ज्यादा थके हुए बच्चे सोते नहीं हैं। बच्चों को सोने में करीब 10 मिनट का वक्त लगाना चाहिए। इसलिए उन्हें 7-8 बजे के बीच बेड पर ले जाएं। ताकि वो वक्त पर सो सकें।
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5. बेड पर बातें या कडलिंग करना
अक्सर माता-पिता बच्चे को बेड पर ले जाने के बाद ढेर सारी बातें करते हैं। उन्हें गुदगुदी करते हैं। रोचक कहानिया सुनाते हैं। ऐसा भी नहीं करना चाहिए। इससे बच्चा शांत होने की जगह उत्तेजित हो सकता है। सोने से पहले की एक्टिविटी धीमी, शांत और पीसफुल होनी चाहिए।
6.पैरेंट्स भी नींद से करते हैं खिलवाड़
अक्सर माता-पिता भी काफी देर से सोते हैं। वो या तो टीवी देखते हैं या मोबाइल। इससे बच्चा प्रेरित होता है। नहीं सोने की जिद्द करता है। इसलिए पैरेंट्स को भी वक्त पर सो जाना चाहिए। ताकि उनकी थकान दूर हो सकें। नींद की कमी से डिप्रेशन और चिंता के लक्षण भी बढ़ते हैं, जिसका माता-पिता और बच्चों दोनों पर निगेटिव असर पड़ता है।
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