ना चिल्लाएं, ना मारें...बच्चों के मिसबिहेव के 7 कारण पहले जानें और समझें

Published : Nov 23, 2024, 09:33 PM IST
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सार

बच्चे शरारत क्यों करते हैं? क्या आप जानते हैं इसके पीछे 7 कारण हो सकते हैं। थकान, भूख, ध्यान की कमी या भावनाओं को व्यक्त न कर पाना, बच्चों के गलत व्यवहार का कारण हो सकता है।

रिलेशनशिप डेस्क. हर माता-पिता की कंप्लेन होती है कि उनके बच्चे उनकी सुनते नहीं हैं। मिसबिहेव करते हैं। अक्सर चिल्लाते हैं। बच्चों की ऐसी हरकत पैरेंट्स के लिए चिंता का विषय हो सकता है। कई बार तो वो बच्चों पर बहुत गुस्सा भी कर जाते हैं। लेकिन बच्चों का ऐसा व्यवहार अक्सर किसी गहरे कारण या उनकी भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका हो सकता है। बच्चों की हरकतों को समझकर हम उनके मिसबिहेव को सुधारने में मदद कर सकते हैं। आइए जानें 7 कारण जिसकी वजह से बच्चे कभी-कभी गलत हरकत करते हैं।

1. ध्यान आकर्षित करने की कोशिश

बच्चे अक्सर तब गलत व्यवहार करते हैं जब उन्हें लगता है कि उनकी बातों या जरूरतों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। वे निगेटिव अटेंशन पाने के लिए भी शरारत कर सकते हैं। उनमें सुधार करने के लिए उन्हें प्रॉपर वक्त दें। उनकी छोटी-छोटी बातों को भी सुनें और समझें।

2. थकान या भूख

थका हुआ या भूखा बच्चा ज्यादा जल्दी चिड़चिड़ा हो जाता है और यह मिसबिहेव में बदल सकता है। इसलिए पैरेंट्स को उनके सही खानपान और आराम सुनिश्चित करना चाहिए। उनकी डेली रुटिन सही होनी चाहिए।

3. सीमाओं की कमी या स्पष्टता का अभाव

अगर बच्चे को यह स्पष्ट न हो कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं, तो वह अक्सर गलत व्यवहार करता है। इसलिए माता-पिता को घर में नियमों को सिंपल बनाना चाहिए। बच्चे को यह बताएं कि उन्हें कैसा व्यवहार करने की इजाजत है।

4. किसी भावना को व्यक्त करने में कठिनाई

छोटे बच्चे अक्सर अपने इमोशन्स (जैसे गुस्सा, उदासी या जलन) को सही तरीके से व्यक्त नहीं कर पाते। यह मिसबिहेव के रूप में सामने आ सकता है। इसलिए बच्चों को भावनाओं के बारे में समझाएं। उन्हें बोलने और अपनी फीलिंग्स शेयर करने के लिए प्रेरित करें।

5. बदलाव का तनाव

बड़े बदलाव, जैसे नए स्कूल में जाना, घर बदलना या किसी नए सदस्य का परिवार में आना, बच्चों के व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए बच्चों के साथ वक्त गुजारें उनके चिंता को समझें। उन्हें बदलाव के लिए धीरे-धीरे तैयार करें।

6. अनुचित सजा या अधिक स्वतंत्रता

बहुत कठोर सजा या जरूरत से ज्यादा स्वतंत्रता बच्चों को सही और गलत के बीच फर्क नहीं समझने देती। पैरेंट्स को बच्चों सजा देने की जगह पॉजिटिव डिसिप्लिन सिखाएं। बच्चों को स्वतंत्रता दें ,लेकिन उनकी एक्टिविटी पर नजर रखें।

7. पैरेंट्स का मिसबिहेव

बच्चे अक्सर वही करते हैं जो वे अपने माता-पिता या करीबी लोगों से सीखते हैं। अगर पैरेंट्स का व्यवहार सही नहीं है, तो बच्चे भी वैसा ही करने लगते हैं। इसलिए खुद के बिहेवियर को सही करें। बच्चों के लिए उदाहरण सेट करें।

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