70 साल लिव इन में रहकर 95 की उमर में शादी, बुजुर्ग जोड़े की जानें यूनिक लव स्टोरी

Published : Jun 09, 2025, 09:12 AM IST
Rajasthan old couple

सार

Rajasthan Old Age Love Story:सोशल मीडिया पर बुजुर्ग कपल की लव स्टोरी और शादी की कहानी खूब वायरल हो रही है। 70 साल तक लिव इन में रहने के बाद मौत की दहलीज पर पहुंचने के वक्त कपल ने शादी की है।

Rajasthan Old Age Love Story: सच्चा प्यार तब तक मुक्कमल नहीं होता है जब तक कि शादी के बंधन में बंध ना जाए। प्रेम के अधूरेपन को शादी पूरा कर देती है। तभी तो 95 साल की उम्र में एक बुजुर्ग ने 90 साल की प्रेमिका के साथ शादी की। राजस्थान के डूंगरपुर जिले के एक छोटे से गांव में हुई अनोखी शादी की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

आदिवासी गांव गलंजर में रहने वाले 95 साल के रामाभाई खराड़ी और 90 साल की जीवली देवी को एक दूसरे से बेहद मोहब्बत है। 70 साल से वो दोनों बिना शादी के रह रहे थे। इतने साल साथ रहते हुए उन्होंने 8 बच्चों और कई पोते-पोतियों की परवरिश की। लेकिन इस रिश्ते का कोई लीगल नाम नहीं था। लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव पर उन्होंने समाज और फैमिली के सपोर्ट से सात फेरे लिए।

'नाता प्रथा’ के तहत साथ रहते थे

यह जोड़ा राजस्थान की पारंपरिक ‘नाता प्रथा’ के तहत साथ रह रहा था। नाता प्रथा राजस्थान के आदिवासी इलाकों की एक विशेष सामाजिक परंपरा है, जिसमें बिना औपचारिक शादी के पुरुष और महिला एक साथ रह सकते हैं।हालांकि इस प्रथा के तहत जन्मे बच्चों को पिता की संपत्ति में अधिकार मिल जाता है, लेकिन महिलाओं को सामाजिक तौर पर कुछ रस्मों में हिस्सा नहीं लेने दिया जाता, जैसे कि बेटे की शादी में हल्दी की रस्म या बारात का स्वागत।

70 साल बाद शादी करने की वजह

जिंदगी के कई पड़ाव से गुजर चुके बुजुर्ग कपल शादी का महत्व जानते थे। जिस परंपरा से वो पहले नहीं गुजरे उससे अपने जीवन के अंतिम वक्त में गुजरना चाहते थे। इसलिए फैमिली औ गांव के बुजुर्गों के साथ सलाह मशविरा करने के बाद दोनों ने शादी की इच्छा जताई। जिसे सबने माना और 1 जून को हल्दी की रस्म हुई और 4 जून को शादी।

शादी का जश्न और बारात की धूम

शादी पूरी तरह पारंपरिक अंदाज में हुई। दुल्हन जीवली देवी और दूल्हे रामाभाई ट्रेडिशनल ड्रेस में नजर आए। बैंडोली यानी शादी से पहले की शोभायात्रा में डीजे की धुनों पर गांव के लोग झूमे। सात फेरे लेने के बाद एक भव्य सामुदायिक भोज का आयोजन किया गया जिसमें पूरा गांव शामिल हुआ।

समाज को मजबूत मैसेज

इस शादी ने न केवल बताया कि शादी कितनी जरूरी है, बल्कि इसके साथ यह भी बताया कि अगर प्रेम, कमिटमेंट और सम्मान हो तो रिश्ता किसी मुहर की मोहताज नहीं। 70 साल साथ रहने के बाद भी रामाभाई और जीवली देवी ने सामाजिक रस्मों को अपनाकर रिश्ते को एक नई पहचान दी।

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

पत्नी ने 2 साल तक छुआ नहीं..पर करती है ये 'गंदा काम', पति का छलका दर्द
माता-पिता ने रखा ऐसा नाम कि लड़की बोली- जन्म लेने की ‘सजा’ मिली