डॉक्टर पत्नी को पति देगा ₹15,000 महीना खर्चा, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने सुनाया इस केस में फैसला

Published : Oct 22, 2025, 01:55 PM IST
Maintenance Case

सार

Maintenance Case: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक जॉबलेस डॉक्टर महिला के पक्ष में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने ONGC कर्मचारी पति को हर महीने 15,000 रुपए मेंटेनेंस देने का आदेश दिया है। पत्नी ने दहेज उत्पीड़न व खर्चा न देने के आरोप लगाए थे। 

Madhya Pradesh High Court: ये सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा कि डॉक्टर पत्नी को 15 हजार रुपए मेंटेनेंस में देने का क्यों कोर्ट ने आदेश दिया? वो तो खुद कमाने में सक्षम है। लेकिन मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट ने महिला के फेवर में फैसला दिया है। इसके पीछे वजह उसका जॉबलेस होना है। महिला का पति ONGC में नौकरी करता है और मंथली इनकम 74,000 रुपए है। चलिए बताते हैं पूरा मामला।

शादी के कुछ महीनों बाद ही बिगड़ गए रिश्ते

महिला ने 20 फरवरी 2018 को रतलाम, मध्य प्रदेश में सभी हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी की थी। लेकिन 14 नवंबर 2018 को उसने पति का घर छोड़ दिया। उसी दिन उसने कोर्ट में भरण-पोषण के लिए आवेदन दाखिल किया। महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति उसके साथ क्रूरता करता था और खर्चा नहीं देता था।

पत्नी ने लगाया दहेज की मांग और उत्पीड़न का आरोप

महिला ने कोर्ट को बताया कि शादी के बाद से ही उसका पति और ससुराल वाले प्रताड़ित करते थे। दहेज की मांग करने लगे थे। जब उनकी मांगों के आगे नहीं झुकी तो उन्होंने ससुराल से निकाल दिया। 24 जून 2018 को उसे घर से बाहर कर दिया गया।

झूठे आरोप, पत्नी खुद कमा रही है-पति

वहीं, पति ने पत्नी की ओर से लगाए गए तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उसने कभी दहेज नहीं मांगा। उसने कहा कि बिना किसी कारण के वो अलग रह रही है। उसकी बहन एक वकील है और उसकी के कहने पर झूठा मामला मेरी पत्नी ने हमारे ऊपर दर्ज कराया है।

और पढ़ें: जज साहब पति से हर महीने 20,000 दिलवा दो, हाईकोर्ट ने नहीं सुनी पत्नी की गुहार, जानें वजह

पत्नी 45 हजार खुद कमा रही है-पति

पति ने कोर्ट को बताया कि उसकी पत्नी डॉक्टर है और कई हॉस्पिटलों में काम कर चुकी है, जिससे उसकी आय करीब 45,000 रुपए प्रतिमाह है। शख्स ने बताया कि उसके पैरेंट्स बुजुर्ग है और बीमारियों से पीड़ित है, इसलिए उसपर फैमिली की जिम्मेदारी है।

हाईकोर्ट ने कहा- पत्नी को आर्थिक सहारा देना पति का कर्तव्य

सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि पत्नी बेरोजगार है और उसे आर्थिक सहायता की जरूरत है। अदालत ने पति की मासिक आय को देखते हुए आदेश दिया कि वह हर महीने पत्नी को 15,000 रुपए भरण-पोषण के रूप में दे।

इसे भी पढ़ें: 1 साल की शादी में 5 करोड़ एलिमनी मांग बैठी पत्नी, सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

क्रिसमस पर GF के घर जाना चाहता है BF, पर लड़की देगी 100 वॉट का झटका!
वो अच्छी है-प्यार भी गहरा है..फिर भी दिल में क्यों उठ रहा है ब्रेकअप का डर? एक लड़के की उलझन भरी कहानी