चाणक्य नीति से सीखें, कैसे बिना कड़वाहट के करें ब्रेकअप

Published : Apr 17, 2025, 01:42 PM IST
Chanakya Niti

सार

chanakya Niti: किसी के साथ भी रिश्ते को खत्म करना आसान नहीं होता है। खासकर उस इंसान से जिसे कभी दिल से चुना था। लेकिन कई बार परिस्थिति ऐसी बनती है कि रिश्ते को खत्म करना जरूरी हो जाता है। 

chanakya Niti:कभी उसकी हंसी देखकर सुकून मिलता था, कभी उसका साथ जन्नत जैसा लगता था, वो अंदरूनी एहसास जो सिर्फ उसके साथ ही महसूस होता था, सारी याद दिल की गहराई में बसी है , लेकिन अब उसका साथ गंवार नहीं। जी हां, कई बार हम जिसे दिल से चुनते हैं उसके साथ सिचुएशन ऐसा बनता है कि राहें अलग कर लेना ही बेहतर ऑप्शन होता है। जब साथ चलना एक झूठ हो तब रिश्ते तो तोड़ना कमजोरी नहीं बल्कि साहस होता है।

अक्सर हम सोचते हैं कि रिश्ते का अंत या तो "घोस्टिंग" से होगा या फिर कठोर सच बोलकर। लेकिन क्या बीच का कोई रास्ता है जिसके जरिए दो लोग अलग भी हो जाए, लेकिन सुखद अंत के साथ। जवाब चाणक्य नीति में छुपी है जो हमें यही सिखाती है।

1. सामने वाले से क्लीयर होना पहली दयालुता है

चाणक्य कहते हैं कि अत्यधिक ईमानदार व्यक्ति सीधे वृक्ष की तरह पहले काटे जाते हैं। इसका अर्थ यह नहीं कि आप झूठ बोलें, बल्कि यह कि सच बोलने का भी एक तरीका और समय होता है। रिश्ता खत्म करते समय अस्पष्ट बातें या आध्यात्मिक पहेलियां न कहें। शायद कभी मत कहिए जब आप जानते हैं कि वो कभी नहीं होगा। आप कहें कि ये तकलीफदेह है, लेकिन यह सही है हम दोनों के लिए। हमें अलग हो जाना चाहिए।

2. भागे नहीं, समझदारी के साथ छोड़ें

चाणक्य की सलाह है कि किसी कार्य को शुरू करने से पहले तीन प्रश्न पूछें मैं क्यों कर रहा हूं, इसका परिणाम क्या होगा, और क्या मैं सफल हो पाऊंगा? अगर आप सिर्फ टकराव से बचने या गिल्ट  से निकलने के लिए रिश्ता छोड़ रहे हैं तो रुकिए, खुद से पूछिए, मैं बढ़ने के लिए जा रहा हूं या खुद से भाग रहा हूं? अगर पहला उत्तर है, तो सम्मानपूर्वक आगे बढ़ें। अगर दूसरा है, तो पहले समझें, फिर डिसिजन लें।

3. चुप्पी का मतलब अंत नहीं होता

चाणक्य कहते हैं, 'दूसरों की गलतियों से सीखिए, क्योंकि आप सभी गलतियां खुद नहीं कर सकते।'आजकल हम अक्सर चुप्पी को ‘क्लोजर’ मान लेते हैं। बिना कुछ कहे गायब हो जाना सबसे आसान तरीका बन गया है। लेकिन बिना समझाए चुप हो जाना, दर्द देता है। रिश्ते का अंत शब्दों से करें, ताकि दूसरा भी आगे बढ़ सके। आप हमेशा साथ नहीं रह सकते, लेकिन एक सम्मानजनक विदाई तो दे सकते हैं।

4. किसी को प्यार करना यह नहीं दिखाता कि वो आपका घर है

अक्सर लोग कहते हैं कि उसने कुछ गलत नहीं किया, फिर भी आप जानते हैं कि वो रिश्ता अब आपका ठिकाना नहीं रहा। चाणक्य कहते हैं, 'जो अति लगाव रखता है, उसे हानि का डर सताता है, और जो हानि से डरता है, वह कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता।' प्यार का मतलब सिर्फ दर्द से बचना नहीं, बल्कि अपने सच में जीना भी होता है।

5. ब्रेकअप जीत-हार नहीं होता

चाणक्य की दृष्टि में नीति का मतलब किसी को हराना नहीं, बल्कि जीवन के बैलेंस को बनाए रखना है। एक रिश्ता कैसे खत्म हुआ यह बात अक्सर उसके शुरू होने से अधिक याद रखी जाती है। चाणक्य लिखते हैं, ‘नीति तब अधूरी है, जब उसमें मानवता न हो।, इसलिए साहस रखें, कहिए जो कहना ज़रूरी है।’

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