क्या पराए पुरुष से संबंध रखने वाली पत्नी को देना होगा गुजारा भत्ता? जानें कोर्ट ने क्या कहा

Published : Sep 06, 2025, 10:21 AM IST
Adultery Maintenance

सार

Wife Adultery Maintenance Case: दिल्ली की एक अदालत ने महिला की गुजारा भत्ता याचिका खारिज करते हुए कहा कि व्यभिचार में लिप्त पत्नी गुजारा भत्ते की हकदार नहीं है। महिला पर अपने सास को मारने का भी आरोप लगा है। 

Divorce Case: पति-पत्नी के रिश्ते में भरोसा और निष्ठा सबसे अहम माने जाते हैं। लेकिन जब यही भरोसा टूट जाता है तो अदालत भी अपने फैसले में कड़ा रुख अपनाती है। दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने हाल ही में एक ऐसा ही अहम फैसला सुनाया है, जिसने साफ कर दिया कि अगर कोई पत्नी पराए पुरुष के साथ संबंध रखती है तो वह पति से गुजारा भत्ता पाने की हकदार नहीं होगी। कोर्ट ने कहा कि विवाह संस्था में विश्वासघात का कोई स्थान हीं हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला।

व्यभिचार कर रही पत्नी को नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता

दिल्ली की एक अदालत ने तलाकशुदा महिला के गुजारा भत्ता याचिका को लेकर बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि व्यभिचार में रह रही पत्नी अपने पति से किसी भी तरह के भरण-पोषण की हकदार नहीं है। महिला ने अपने पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उसकी शादी 1998 में हुई थी। मई 2025 में तलाक की अर्जी मंजूर कर ली थी।

पति नहीं दे रहा गुजारा भत्ता

फैमिली कोर्ट की जज नम्रता अग्रवाल महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। महिला का कहना था कि उसके पति कानूनी और नैतिक रूप से उसे गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य हैं, लेकिन वह जानबूझकर ऐसा नहीं कर रहे हैं।

डीएनए टेस्ट से खुली सच्चाई

इस केस में पत्नी का पराए पुरुष के साथ संबंध का पता चला। डीएनए टेस्ट में पता चला कि महिला एक बच्चे की बायोलॉजिकल मदर है, जबकि पति बायोलॉजिकल नहीं है। महिला ने डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट को चुनौती नहीं दी। इसलिए यह माना गया कि वह व्याभिचार में लिप्त थी। कोर्ट में तमाम साक्ष्य आने के बाद मई में कपल को तलाक दे दिया गया था।

पत्नी पर लगा था सास की हत्या का आरोप

कोर्ट ने याचिका की सुनवाई पर कहा कि पत्नी पर अपनी सास की हत्या का आरोप लगा था, जिसके कारण उसे चार साल जेल में रहना पड़ा। हालांकि उसे बाद में कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा पक्षों की गवाही और पहले कोर्ट के फैसले से यह साबित होता है कि पत्नी व्यभिचार कर रही थी। यदि पत्नी व्यभिचार में रह रही है तो धारा 125(4) दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं मिलता।

और पढ़ें: 16 लाख कमाने वाली पत्नी ने मांगा गुजारा भत्ता, HC कोर्ट ने दिया ये जवाब

कोर्ट की ओर से कही गई मुख्य बातें

कोर्ट ने बताया कि मई में दिए गए तलाक के आदेश में पहले ही यह साबित हो चुका है कि महिला व्यभिचार में रह रही थी और अपने पति के प्रति वफादार नहीं थी।

इस निष्कर्ष पर आने के लिए अदालत ने डीएनए टेस्ट रिपोर्ट का सहारा लिया था, जिसमें खुलासा हुआ कि महिला उनके एक बच्चे की जैविक मां तो है, लेकिन पति उसका जैविक पिता नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि महिला ने न तो इस रिपोर्ट और न ही पिछले फैसले को चुनौती दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसने व्यभिचार स्वीकार कर लिया है।

जज ने यह भी कहा कि महिला के पास कई संपत्तियां हैं। जिनसे वह अच्छी खासी कमाई कर रही है। उसे अपने बच्चों का भरण-पोषण करने की भी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उसके पूर्व पति ही उनका खर्च उठा रहे हैं।

और पढ़ें: पति की सैलरी बढ़ी तो क्या पत्नी का भी बढ़ेगा गुजारा भत्ता? जानें कोर्ट ने क्या कहा

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

वह चाहता है कि मैं उससे बेइंतहा प्यार करूं… लेकिन उसे प्यार महसूस ही नहीं होता
वह उसे जान से ज्यादा चाहती थी, लेकिन उसकी ये आदतें लड़के को आखिर क्यों डराने लगीं?