
Munawar Faruqui And Mehzabeen Wedding Reason: पहली शादी टूटने के बाद इंसान दूसरी शादी करने से पहले सौ बार सोचता है। अगर पहली शादी से कोई बच्चा हो, तो ये फैसला और भी मुश्किल हो जाता है। मन में यह डर रहता है कि क्या बच्चे को दूसरी मां का प्यार मिल पाएगा या नहीं। ऐसे में कई लोग कदम पीछे हटा लेते हैं। लेकिन ज़िंदगी में कुछ पल ऐसे आते हैं जब दूसरी शादी जैसा बड़ा फैसला लेना जरूरी हो जाता है। कुछ ऐसा ही फैसला लिया स्टैंडअप कॉमेडियन मुन्नवर फारूकी ने उन्होंने अपने बेटे के लिए दूसरी शादी की।
'बिग बॉस 17' के विनर और मशहूर स्टैंडअप कॉमेडियन मुन्नवर फारूकी ने हाल ही में अपनी शादी को लेकर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने मई 2024 में मेकअप आर्टिस्ट महजबीं कोतवाला से शादी की, और इस फैसले के पीछे की असली वजह उनके बेटे मिकाइल के साथ जुड़ा एक भावुक रिश्ता था।
मुन्नवर ने फराह खान के यूट्यूब शो में बातचीत के दौरान बताया कि ‘बिग बॉस’ से बाहर आने के बाद वो काम में बिजीहो गए थे। इस दौरान उनका बेटा मिकाइल अपनी मासी के साथ रह रहा था। जब बेटा एक हफ्ते के लिए मुन्नवर के पास आया और वापस जाने लगा, तो उस पल ने मुन्नवर की जिंदगी की दिशा ही बदल दी। उन्होंने बताया कि 'जब मिकाइल जा रहा था, वो बार-बार मुझे गले लगा रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था कि उसे मेरी जरूरत है, लेकिन उससे ज्यादा मुझे उसकी जरूरत है।'
मुन्नवर ने बताया कि उन्होंने शादी का फैसला अचानक नहीं, बल्कि अपने बेटे को अपने पास रखने की इच्छा से लिया। वो चाहते थे कि उनका बेटा एक स्थिर, सुरक्षित और कंप्लीट फैमिली के माहौल में बड़ा हो।उन्होंने अपने रिश्ते को सिर्फ एक रोमांटिक कनेक्शन की तरह नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी के रूप में देखा।
मुन्नवर की ये शादी सिर्फ एक जोड़ी बनने की कहानी नहीं, बल्कि एक ‘फादर फर्स्ट’ सोच की मिसाल है। उन्होंने अपने बेटे के लिए एक स्थिर और प्यार भरा माहौल चुनने का साहस दिखाया। उन्होंने अपने करियर और रोमांटिक लाइफ को प्रॉयरिटी से पहले बेटे की जरूरतों को देखा। महजबीं कोतवाला जहां एक अच्छी प्रेमिका थी, वहीं मुन्नवर ने उनमें एक अच्छी मां भी देखा और फिर तुरंत शादी उनसे कर लीं। उन्हें लगा कि उनकी मौजूदगी या गैर मौजूदगी में महजबी उनके बेटे का ख्याल रखेगी। उसे कभी असुरक्षित महसूस नहीं होने देगी।
इस फैसले से यह साफ हो गया कि एक सिंगल पैरेंट भी अपने बच्चे के लिए एक बेहतर जिंदगी चुन सकता है,बशर्ते उसमें हिम्मत, समझदारी और संवेदना हो। मुन्नवर की कहानी हमें यह भी सिखाती है कि पिता की भूमिका सिर्फ कमाने तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चे की इमोशनल ग्रोथ में बराबर की भागीदारी निभाना भी है।